अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस – कर्तव्य पालन में लगी नर्सों को सलाम

कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भी नर्स माला राजभर कर रहीं ड्यूटी

गाजीपुर। आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्मदिवस हर साल 12 मई को ‘अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस’के रुप में मनाया जाता है। फ्लोरेंस नाइटेंगेल का जन्म 12 मई 1820 को ब्रिटेन में हुआ था। फ्लोरेंस एक संभ्रात परिवार से ताल्लुक रखती थीं, उनके पिता विलियम एडवर्ड नाइटेंगेल एक समृद्ध जमींदार थे। इसलिए जब फ्लोरेंस ने 1845 में गरीब-असहाय लोगों की सेवा का प्रण लिया तो उन्हें अपने परिवार के विरोध का सामना करना पड़ा था। यह वह दौर था जब नर्सों को सम्मान नहीं दिया जाता था।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नर्स ही है जो मरीज के साथ मुश्किल घड़ी में उसकी 24 घंटे देखभाल करती हैं। कोविड-19 संक्रमण के बीच नर्स देश में सच्चे योद्धा के रूप में सामने आए हैं। डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देश का यथासमय पर पालन करने और उसकी उचित देखभाल से ही बीमार व्यक्ति स्वस्थ्य होता है औैर इसमें मुख्य भूमिका ‘नर्स’ निभाती हैं।
जनपद गाजीपुर में भी इस मुश्किल घड़ी में नर्स का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। बुधवार को ‘अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस’के अवसर पर जनपद में कोविड-19 के चलते कोई आयोजन नहीं हुआ। स्वास्थ्य विभाग ने आज सभी नर्सों को उनके कार्यों के लिए “थैंक यू” कहकर सम्मान दिया गया।
ऐसी ही एक नर्स माला राजभर जो मार्च 2020 में सीएचओ के पद पर मरदह स्वास्थ्य केंद्र पर नियुक्त हुई थी और अब ट्रांसफर होकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनिहारी में नियुक्त हैं। अपने कार्यशैली से न सिर्फ वहां के स्टाफ बल्कि आने वाले मरीजों को भी काफी प्रभावित करती हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साल उनकी ड्यूटी कोरोना हॉस्पिटल सहेड़ी स्वास्थ्य केंद्र पर किया। साथ ही ड्यूटी से वापस आने के बाद कोरोना जांच टीम के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनिहारी पर भी कार्य किया।
उन्होंने बताया कि जब से कोविड19 टीकाकरण शुरू हुआ है तब से वह टीकाकरण कराने वाले लोगों का वेरिफिकेशन का कार्य कर रही हैं। वर्तमान समय में वह कोविड-19 पॉजिटिव होने के बाद भी विभागीय कार्यों को वर्क फ्रॉम होम में पूराकर अपनी ड्यूटी निभा रही हैं। वर्क फ्रॉम होम के दौरान कोविड-19 टीकाकरण का ऑनलाइन करना, रिपोर्टिंग करना, इसके साथ ही टीकाकरण सेशन का एंड कराना भी इनकी जिम्मेदारी में शुमार है। कोविड-19 के चलते पिछले साल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनिहारी को कायाकल्प योजना के तहत पुरस्कार मिला था। स्वास्थ्य केंद्र द्वारा इन्हें भी सम्मानित करने की योजना थी, लेकिन लॉकडाउन की वजह से उनके सम्मानित किए जाने का कार्यक्रम फिलहाल रुका हुआ है।

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