कवि की नयी रचना…. शब्द………

शब्दों का संसार बड़ा है ।
उस पर ही व्यवहार खड़ा है।।
शब्दों की माया को देखो।
शब्द शब्द से खूब लड़ा है ।

उठो महाभारत में देखो ।
सभी जगह पर शब्द लड़ा है।।-
कहीं कहीं यह महा मुलायम ।
और कहीं पर बहुत कड़ा है ।

अवनति और प्रगति के पीछे।
हरदम कोई शब्द खड़ा है ।।
शब्दों के पीछे ही हरदम ।
लगता कोई शब्द पड़ा है ।।

शब्दों के दंगल में देखो ।
शब्दों पर ही शब्द चढ़ा है ।।
वही महा ज्ञानी दुनिया में ।
शब्दों को जो खूब पढ़ा है ।।

शब्दों से जो घायल होता ।
वही यहां इतिहास गढ़ा है ।।
जिन शब्दों ने अर्थ खो दिया।
समझो वह सब आज सड़ा है।

शब्दों का संसार बड़ा है ।
उस पर ही व्यवहार खड़ा है ।।

✍️ हौशिला प्रसाद अन्वेषी

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