लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की मजबूती के लिए जरूरी है मीडिया आयोग का गठन

गाजीपुर। पत्रकारों पर हमले और हत्याओं का सिलसिला देश मे लगातार बढ़ता जा रहा है। इसकी रोकथाम के लिए मीडिया आयोग का गठन होना अब अत्यन्त आवश्यक हो गया है। मीडिया आयोग के गठन के बाद ही इसकी रोकथाम संभव है।
उक्त विचार जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग सक्सेना ने पत्रकारों की एक बैठक के दौरान रखे। उन्होंने कहा कि पत्रकारो के तमाम संगठन लंबे समय से देश मे पत्रकार सुरक्षा कानून और मीडिया आयोग के गठन की मांग कर रहे है किन्तु सरकार इसे लगातार नजर अंदाज कर रही है। खबर लिखने को लेकर लगातार पत्रकारो पर हमले हो रहे है।ताजा मामला यूपी के कानपुर जिले के पत्रकार आंसू यादव का है जिनका शव एक कार मे पाया गया। उनके परिजनों का आरोप है कि किसी समाचार को लेकर उन्हे जान से मारने की धमकी मिली थी। जिसके बाद वह 31 तारीख की रात से गायब थे और 2 जनवरी को उनकी लाश एक कार मे मिली।
उन्होंने कहा कि पत्रकार निष्पक्ष और बेबाक होकर अपने कर्त्तव्यों का निर्वाहन कर सके इसके लिए जरूरी है कि अब देश मे मीडिया आयोग का गठन हो और पत्रकार उस आयोग के समक्ष अपनी बातों को रख सके। कई मामलो मे देखा गया है कि पत्रकारो को मिल रही धमकियों की शिकायत जब पुलिस से की जाती है तो वह इसे गंभीरता से नहीं लेती और नतीजे मे या तो दबंगो द्वारा पत्रकार पर हमला होता है या उसकी हत्या कर दी जाती है।
इसकी रोकथाम के लिए मीडिया आयोग के गठन की नितांत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पत्रकारो के समक्ष दूसरी समस्या तब आती है जब पत्रकार किसी की शिकायत पुलिस से करता है तो दबंगो द्वारा पत्रकार पर ही मुकदमा पंजीकृत कर दिया जाता है और उल्टा उसे ही आरोपी बनकर परेशान किया जाता है। अनुराग सक्सेना ने कहा कि मीडिया आयोग के गठन के बाद पत्रकार अपनी समस्या को आयोग के पास रखेगा और पुलिस पत्रकार पर लगाये गये आरोपों की जांच करेगी और दोषी पाये जाने पर ही कार्यवाही करेगी। मीडिया आयोग के गठन से लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को मजबूती मिलेगी और पत्रकार निडरता से अपने काम को अंजाम दे सकेंगे।
मीडिया आयोग के गठन की मांग का बैठक में उपस्थित सभी पत्रकार साथियों ने समर्थन किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग सक्सेना ने कहा कि अब समय आ गया है कि सभी पत्रकार एकजुट हो और मिलकर अपने हक की लड़ाई लड़ें।

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