कवि की नयी रचना………..

” ऐसा नव वर्ष हमारा हो”

ऐ जाने वाले लम्हों सुनो लौटा दो खुशियां सबकी तुम,
इस काल चक्र के फेरे से कर दो आजाद अब सबको तुम।
नूतन अरुणोदय की आभा से पुष्पित हो ये जन जीवन,
नव कली खिले नव वर्ष मिले ये सपने पूरे करदो तुम।

कष्ट मिटे तम दूर भगे ऐसा नव वर्ष तुम्हारा हो,
पुष्पित हों चहुं दिशा सबकी ऐसा नव वर्ष हमारा हो।
प्रगति पथ पर तुम बढ़ो सदा संताप रहे न जीवन में,
बाधा विघ्नों से दूर रहें ऐसा नव वर्ष हमारा हो।

अशोक राय वत्स ©®
रैनी, मऊ,उत्तरप्रदेश 8619668341

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