उगाही पड़ी भारी,दरोगा सहित कान्स्टेबल लाइन हाजिर

ग़ाज़ीपुर। गंगा नदी के हमीद सेतु पर ओवरलोड भारी वाहनों के चलते बार बार अवरोध उत्पन्न होने से सेतु को बन्द कर मरम्मत कार्य किया जाता रहा है। जिला प्रशासन बार बार भारी वाहनों के गमनागमन पर रोक की बात करता रहा परन्तु सुविधा शुल्क की लालच में भारी वाहन धड़ल्ले से निकलते रहे और पुल की स्थिति बद से बदतर होती गयी।
उल्लेखनीय है कि भारी वाहनों के आवागमन से हमीद सेतु करीब सात बार क्षतिग्रस्त हो चुका है। राष्ट्रीय राजमार्ग एथोरिटी (एनएचएआइ) के अधिकारियों ने जिला प्रशासन से बार-बार अनुरोध किया कि निर्धारित क्षमता से अधिक भार वाले वाहन इस पुल से न गुजारे जांय। इस पर जिला प्रशासन बार बार हामी भरता रहा परन्तु नतीजा वही ढाक के तीन पात। नतीजा यह रहा कि पुल को बार बार मरम्मत के नाम पर बन्द करना पड़ा था।
क्षतिग्रस्त पुल को तकरीबन तीन माह तक बन्द कर मरम्मत कार्य पूर्ण करने के बाद दो अक्टूबर से आवागमन शुरू हुआ। जिला प्रशासन ने निर्धारित क्षमता से अधिक भार वाले वाहनों को न जाने देने का फरमान जारी कर दिया परन्तु पुल से गमनागमन आरम्भ होते ही सुविधा शुल्क के साथ भारी वाहन रात के अन्धेरे में फर्राटा भरने लगे।
इस बात की शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंची तो प्रशासन चौकन्ना हो गया और सम्बंधित विभागीय कर्मियों को कड़ी फटकार लगायी। बावजूद इसके हमीद सेतु पर ओवरलोड वाहनों के फर्राटा भरने का खेल जारी रहा। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद पुलिस अधीक्षक डा.ओमप्रकाश सिंह ने कड़ी कार्यवाही करते हुए सुहवल थाने के उपनिरीक्षक महमूद आलम अंसारी और कान्स्टेबल विनोद कुमार यादव को पुलिस लाइन का रास्ता दिखा दिया।
पुलिस अधीक्षक की इस कार्रवाई का कितना असर होगा यह तो आने वाला समय बतायेगा। लोगों का कहना है कि यदि समय रहते प्रशासन इसी प्रकार सख्त नहीं होगा तो यह पुल फिर बन्दी के दौर में पहुंच जायेगा और आवागमन एक बार फिर बन्द हो जायेगा

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