खात्मा ! पुलिस का हत्यारा पुलिस के हाथों मारा गया

कानपुर। दबिश देने गई पुलिस टीम पर हमलाकर पुलिस कर्मियों की हत्या कर फरार और फिर पुलिस की गिरफ्त में आने वाला शातिर हिस्ट्रीशीटर दुर्दांत अपराधी विकास दुबे आज खुद पुलिस की गोलियों का शिकार हो गया । कानपुर का दुर्दान्त अपराधी और आठ पुलिसकर्मियों का मुख्य हत्यारोपी गैंगस्टर विकास दुबे आज सुबह एनकाउंटर में मारा गया।
बताते चलें कि यूपी एसटीएफ की टीम विकास दुबे को मध्यप्रदेश के उज्जैन से लेकर कानपुर आ रही थी। उज्जैन से यूपी एसटीएफ की गाड़ियों का काफिला विकास दुबे को लेकर देर रात 3:13 बजे झांसी के रक्सा टोल प्लाजा से तेज गति से कानपुर के लिए चलता गया। एसटीएफ की गाड़ियों का काफिला विकास दुबे को लेकर जब कानपुर में टोल प्लाजा पर पहुंचा तो उससे पूर्व ही सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस टोल प्लाजा पर पहुंचने वाले सभी वाहनों की चेकिंग कर रही थी।
बताया गया है कि उसी दौरान हाईवे पर पुलिस काफिले की एक गाड़ी दुर्घटना बस पलट गयी। उसी गाड़ी में विकास दुबे भी सवार था। गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे ने पुलिस के एक जवान से हथियार छीन लिया और भागने की कोशिश की। उसने पुलिस टीम पर फायरिंग की जिससे दो पुलिसकर्मी घायल हो गये। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में विकास दूबे को 3 गोलियां लगीं। यह घटना कानपुर के भउती क्षेत्र में हुई है। पुलिस टीम उसे घायलावस्था में लेकर अस्पताल पहुंची जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
घटना की सूचना मिलते ही घटनास्थल पर आला अधिकारियों के पहुंचने और घटनास्थल के निरीक्षण का क्रम जारी रहा। पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार ने विकास दूबे के मारे जाने की पुष्टि की है।
कानपुर पुलिस के आधिकारिक बयान में कहा गया है कि थाना चौबेपुर पर दिनांक तीन जुलाई को पंजीकृत मु.अ.स. 192/20 धारा 147/148/149/ 302/307/394/120बी भादवि व 7 सीएलए एक्ट जो आठ पुलिसकर्मियों के शहीद होने से सम्बन्धित है, में वांछित 5 लाख रुपये का इनामियां अभियुक्त विकास दुबे पुत्र राम कुमार दुबे निवासी बिकरू थाना चौबेपुर कानपुर नगर को उज्जैन, मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये जाने के पश्चात पुलिस व एसटीएफ टीम द्वारा आज दस जुलाई को कानपुर नगर लाया जा रहा था। कानपुर नगर भौंती के पास पुलिस का उक्त वाहन दुर्घटना ग्रस्त होकर पलट गया, जिससे उसमें बैठे अभियुक्त व पुलिस जन घायल हो गये। इसी दौरान अभियुक्त विकास दुबे ने घायल पुलिस कर्मी की पिस्टल छीन कर भागने की कोशिश की। पुलिस टीम द्वारा पीछा कर उसे घेर कर आत्मसमर्पण करने हेतु कहा गया किन्तु वह नहीं माना और पुलिस टीम पर जान से मारने की नियत से फायर करने लगा पुलिस द्वारा आत्मरक्षार्थ जबाबी फायरिंग की गयी जिसमें विकास दुबे घायल हो गया, जिसे तत्काल ही ईलाज हेतु अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज का दौरान अभियुक्त विकास दुबे की मृत्यु हो गयी है। विकास दुबे के एनकाउंटर में मारे जाने से जहां उसके क्षेत्र से उसका आतंक समाप्त हो गया वहीं अनेकों अपराधिट मामले अनसुलझे रह गये हैं। उसके सहयोगियों,सरपरस्तों व शरणदाताओं में लिप्त खादी और खाकी का पोल भी खुलने से वंचित रह गया। विकास दूबे के मारे जाने से उसकी गुडलिस्ट में जूड़े अधिकारियों तथा सफेदपोशों ने भी राहत की सांस ली है क्योंकि विकास दुबे के पकड़े जाने के बाद से ही उनको अपनी पोल खुलने का डर सताने लगा था। देखें वीडियो….

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