कवि हौशिला प्रसाद की रचना

जीवन को समझाना होगा ।
अल्पाहार सिखाना होगा ।।
सबसे पहले त्यागपत्र को ।
लिखना और लिखाना होगा ।।

थोड़े में समझौता करके।
रोज किफायत गाना होगा ।।
खुशहाली के महामंत्र को।
भीतर रोज जगाना होगा ।।

योगक्षेम के लिए निरंतर ।
माथा तो दौड़ाना होगा ।।
और जरूरत की सीमा पर।
रुककर जश्न मनाना होगा ।।

लालच के गंदे विचार को।
अपने आप हटाना होगा ।।
पूँजीपतियों के वैभव को।
जनहित में झुक जाना होगा ।।

और विदेशी पूँजी को तो।
भारत से उठ जाना होगा।।
नेता जी की नैतिकता को।
नैतिक पाठ पढ़ाना होगा ।।

शिक्षा स्वास्थ्य भरण पोषण से।
भारत भाग्य बनाना होगा ।।
मानवता के लिए समर्पित ।
हर विचार को लाना होगा ।।

……….. अन्वेषी

Visits: 18

Leave a Reply