पुराने दो तेंदुओं के बाद फिर दिखे दो नये तेंदुए, क्षेत्र में फैली सनसनी

गाजीपुर, 03 मई 2020। जिले के नोनहरा थाना क्षेत्र में एक बार फिर तेंदूओं के देखे जाने से क्षेत्रीय लोगों में भय व्याप्त है। गांव के ग्रामीण जन मजबूरन घरों में रहने को बाध्य हो रहे हैं।
बताते चलें कि नोनहरा थाना क्षेत्र में इससे पूर्व भी खतरनाक तेंदुओं की दस्तक रही है। शुक्रवार की शाम थाना क्षेत्र के उमरपुर गांव के सिवान में ग्रामीणों ने दो तेंदुए घूमते हुए देखा। यह देख वहां मौजूद ग्रामीणों के शोर मचाने पर काफी संख्या में ग्रामीण जन लाठी डंडे के साथ खेतों पर पहुंचे, परन्तु तबतक लोगों की आवाज सुनकर व लोगों की भीड़ देखकर तेंदुए भागकर कहीं झाड़ियों में जाकर छुप गये। ग्रामीणों ने उन्हें ढूंढने का काफी प्रयास किया सफल नहीं हो सके। ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग तथा पुलिस अधिकारियों को दी। रात में पहुंचे वन विभाग तथा पुलिस के लोगों ने आसपास के क्षेत्रों में तेंदुआ की खोज की परंतु कोई सफलता नहीं मिली। वन विभाग के अधिकारियों ने उस गांव तथा आसपास के गांवों के ग्रामीणों को सजग रहकर घरों में रहने की सलाह दी। शनिवार को सवेरे वन विभाग के कर्मचारियों ने तेंदुए को पकड़ने का फिर प्रयास किया। ड्रोन कैमरे की मदद से दोनों तेंदुओं की तलाश शुरू की गयी। दिन भर प्रयास के बावजूद देर शाम तक तेंदूओं का कहीं कोई पता नहीं चला। सम्भावना व्यक्त की जा रही है कि सम्भवतः तेंदुओं ने अपना ठिकाना बदल दिया है और वे पास के किसी दूसरे क्षेत्र में जा छिपे है या यह भी सम्भव है कि भीड़ देख चालाक तेंदुए चुपचाप छिपे हुए हों। जिला वनाधिकारी जयप्रकाश तिवारी ने कहा कि वन विभाग की टीम तेंदुओं को पकड़ने में लगी है जैसे ही उनकी मौजूदगी की सटीक जानकारी प्राप्त होगी, टीम उन्हें पकड़ लेगी।
बताते चलें कि इससे पूर्व भी क्षेत्र में तेंदुए देखे जाने की जानकारी मिलती रही थी। गत माह
इसी क्षेत्र के सुसुण्डी गांव के सिवान में तेंदुआ दिखाई दिया था। लोगों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी थी। वन विभाग की टीम ने क्षेत्र का जायजा लिया और तेंदुआ न होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। इसके बाद अचानक बारह अप्रैल को सुसुण्डी गांव के किसानों ने सिवान में तेंदुआ देखा और उसे भगाने का प्रयास किया। सूचना पर वन विभाग की टीम फिर वहां पहुंची और तेंदुए की खोज शुरू की। खदेड़े जाने पर तेंदुए ने तीन लोगों को घायल भी किया था। आक्रोशित हजारों ग्रामीणों ने तेंदुए को पकड़ने के लिए कमर कसी और दोपहर में अन्ततः उसे घेर कर लाठीडंडे से पीटकर मार डाला।
उसके बाद से ही एक दुसरे तेंदुए के देखे जाने की जानकारी जिला प्रशासन को मिलती रही। आस पास के कई गांवों में यह तेंदुआ घुमघुमकर लोगों को गच्चा देता रहा। उसे पकड़ने के लिए वन विभाग कई दिनों जाल लगाया पर सफलता नहीं मिली।
इसी बीच आज 22 अप्रैल को अलसुबह ग्रामीणों द्वारा शक्करपुर गांव में तेंदुआ देखे जाने से ग्रामीणों में खलबली मच गई। ग्रमीणों ने उसे सिवान में ही घेर लिया था। सूचना पर आनन फानन वन विभाग तथा पुलिस विभाग के लोग अपने लाव लश्कर के साथ गांव में डेरा डाल दिया। तेंदुआ की आंखमिचौनी से तंग आकर वन विभाग द्वारा ड्रोन कैमरे की मदद से तेंदुए की मौजूदगी का पता लगाने की कोशिश की गयी तो वह दिखाई दिया। सटीक जानकारी मिलते ही क्षेत्र चिन्हित कर चारों तरफ जाल लगाकर घेरेबंदी की गयी। उसी बीच तेंदुआ वन विभाग द्वारा लगाई गयी जाल तोड़कर देखते ही देखते भाग निकला। तेंदुए के निकल भागने से उस क्षेत्र के ग्रामीणों में दहशत व्याप्त हो गयी और फिर उसका लोकेशन ट्रेस करने में टीम जुट गयी। उसकी खोज में जूटी वन विभाग की टीम ने शाम को अब्‍बासनगर के बसवाड़ में देखा। वन विभाग की टीम ने जाल डालकर उसे बांसवाड़ा में पकड़ने की कोशिश की। उस दौरान तेंदुए के पंजा मारने से एक वनकर्मी का सिर चोटिल हो गया। उसी दौरान महाराजगंज वनविभाग से तेंदुए को बेहोश करने वाला शूटर ट्रैंकुलाइजर लेकर पहुंच गया। शूटर ने तेंदुए को ट्रैंकुलाइजर गन से बेहोश किया। उसके उपरांत जाल के सहारे तेंदुए को पकड़कर कटघरे में बंद कर वनविभाग की टीम उसे साथ लेकर चली गयी थी।

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