प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री तथा सांसदों की सैलरी में एक साल तक 30 फीसदी की होगी कटौती, राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति भी स्वेच्छा से लेंगे कम वेतन

नई दिल्ली, 06 अप्रैल 2020। केन्द्र सरकार ने वैश्विक महामारी कोरोना से लड़ने के लिए जनहित में आज एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने प्रधानमंत्री समेत सभी कैबिनेट मंत्रियों और सांसदों की सैलरी में 30 फीसदी की कटौती करने का फैसला लिया है और यह कटौती एक साल तक रहेगी। कैबिनेट फैसले की जानकारी देते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने बताया। इसके लिए केन्द्र सरकार अध्यादेश लायेगी।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संसद अधिनियम, 1954 के सदस्यों के वेतन, भत्ते और पेंशन में संशोधन के अध्यादेश को मंजूरी दे दी। 1 अप्रैल, 2020 से एक साल के लिए भत्ते और पेंशन को 30 फीसदी तक कम किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यों के राज्यपालों ने स्वेच्छा से सामाजिक ज़िम्मेदारी के रूप में वेतन कटौती का फैसला किया है। यह धनराशि भारत के समेकित कोष में जाएगा पैसा।
प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि कैबिनेट ने भारत में कोविड 19 के प्रतिकूल प्रभाव के प्रबंधन के लिए 2020-21 और 2021-22 के लिए सांसदों को मिलने वाले फंड को अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया है। दो वर्ष के लिए एमपी लैड फंड के 7900 करोड़ रुपए का उपयोग देश की की संचित निधि में किया जाएगा।

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