महाराष्ट्र ! गठबंधन घटक दलों ने कांग्रेस पर साधा निशाना, मामला सेवादल की विवादास्पद पुस्तिका का

मुंबई, 04 जनवरी 2020। महाराष्ट्र सरकार के गठबंधन के सहयोगी दलों के वैचारिक मतभेद उभरने लगे हैं। प्रमुख सहयोगी राकांपा ने आज कांग्रेस सेवा दल की विवादास्पद पुस्तिका “”वीर सावरकर, कितने ‘वीर’?” को वापस लिये जाने की मांग की है। पुस्तक में हिंदुत्व के विचारक विनायक सावरकर और महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के बीच शारीरिक संबंध की बात कही गई है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने इस पर कहा कि चूंकि सावरकर जीवित नहीं हैं, इसलिए इस तरह का दावा करना गलत है।
बताते चलें कि “वीर सावरकर, कितने ‘वीर’?” शीर्षक वाली हिंदी पुस्तिका हाल ही में मध्य प्रदेश में कांग्रेस के संगठन सेवा दल के एक शिविर में वितरित की गई थी। उसमें सावरकर की देशभक्ती और वीरता पर भी संदेश व्यक्त किया गया है, तो वहीं यह भी दावा किया गया कि अंडमान की सेलुलर जेल से रिहा होने के बाद सावरकर को अंग्रेजों से पैसा मिला था।
मलिक ने कहा, ‘‘पुस्तिका को वापस ले लिया जाना चाहिए। आपके किसी व्यक्ति के साथ वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। लेकिन जो व्यक्ति जीवित नहीं हैं, उनके खिलाफ ऐसी व्यक्तिगत टिप्पणी करना सही नहीं है।’’ राकांपा और कांग्रेस महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ सरकार में शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि शिवसेना ने भी इस पुस्तिका को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा था।
भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुस्तिका पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने इसे प्रसारित करके अपनी भ्रष्ट छवि को दर्शाया है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने कल कहा, ‘‘वीर सावरकर एक महान व्यक्ति थे और एक महान व्यक्ति बने रहेंगे। एक तबका उनके खिलाफ बातें करता रहता है। यह उनके दिमाग में भरी गंदगी दिखाता है।’’

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