दुर्घटना ! बादल फटने से 10 लोगों की मृत्यु, आधा दर्जन लोग लापता

उत्तरकाशी(उत्तराखंड),19 अगस्त 2019। जिले के आराकोट तथा समीपवर्ती क्षेत्र में कल बादल फटने और फिर भूस्खलन से क्षेत्र में हाहाकार मच गया। इस आपदा में अब तक जहां 10 लोगों की मौत हो गई,वहीं आधे दर्जन से अधिक लोग लापता बताये जा रहे हैं।
बताते चलें कि गत दो दिनों में हुई भारी बारिश के चलते प्रदेश की सभी नदियां बाढ़ग्रस्त हो गयी हैं। हरिद्वार में गंगा नदी खतरे के निशान से उपर बह रही हैं। जिसके कारण लक्सर क्षेत्र के कई गांवों में धान और गन्ने की 30 हजार बीघा फसलों को नुकसान पहुंचा है। बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं में आराकोट, माकुडी, मोल्डा, सनेल, टिकोची और द्विचाणु में कई मकान ढह गये थे ।कल बरसात और खराब मौसम के कारण तलाश और राहत अभियान बाधित रहा। आज मौसम में परिवर्तन होने पर तलाश और राहत अभियान में तेजी आयी। वायु सेना के एक हेलीकॉप्टर सहित तीन चॉपर्स की सहायता से प्रभावित क्षेत्रों में खाने के पैकेट, राशन और जरूरी दवाइयों समेत राहत सामग्री पहुंचायी गयी है।
उत्तरकाशी के प्रभावित आराकोट क्षेत्र में तबाही का जायजा लेकर लौटे प्रदेश के आपदा प्रबंधन सचिव अमित नेगी तथा राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) के महानिरीक्षक संजय गुंज्याल ने देहरादून में संवाददाता सम्मेलन में बताया कि प्रभावित क्षेत्रों से अब तक दस शव बरामद हो चुके हैं। गुंज्याल ने बताया कि माकुडी और आराकोट से चार—चार शव बरामद हुए हैं जबकि टिकोची और सनेल से एक—एक शव मिले हैं । जिले के प्रभावित क्षेत्रों में अभी छह अन्य लोग लापता भी बताये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रभावित हुए करीब आधा दर्जन गांवों की जनता से संपर्क स्थापित कर लिया गया है। राहत और बचाव कार्यों की निगरानी के लिये आराकोट में संचार सुविधाओं से युक्त आधार शिविर स्थापित किया गया है।
मौसम विभाग द्वारा राज्य के अनेक स्थानों पर भारी बारिश की संभावना जताए जाने के मद्देनजर प्रदेश के 13 में से नौ जिलों में आज स्कूल, कालेज तथा अन्य शिक्षण संस्थान बंद रखे गये।
जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र के 30 गांवों के लोगों को सतर्क करने के साथ ही बाढ़ चौकियों को भी अलर्ट रहने किया गया है। ऋषिकेश में भी सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा को पार करके खतरे के निशान 340.50 मीटर से महज 28 सेंटीमीटर नीचे था। ऋषिकेश में गंगा के 340.22 मीटर जलस्तर पर बहने के कारण त्रिवेणी घाट जलमग्न हो गया और वहाँ पार्किंग में खड़े तीन वाहनों को मुश्किल से बाहर निकाला जा सका। ऋषिकेश के चन्द्रेश्वर नगर के निचले इलाकों में पानी घरों में घुसने के बाद वहां फंसे लोगों को बाहर निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

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