हिन्दी पत्रकारिता दिवस ! यदि चौथा स्तम्भ हिला तो समाज हिल जायेगा

ग़ाज़ीपुर(उत्तर प्रदेश),30 मई 2019। हिन्दी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर आज गाजीपुर पत्रकार एसोसिएशन के तत्वाधान में जिला पंचायत के सुसज्जित सभागार में आयोजित समारोह का शुभारम्भ प्रसिद्ध सिद्धपीठ हथियाराम मठ के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी भवानी नन्दन यतिजी महाराज के करकमलों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच दीप प्रज्वलित कर व मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया।
समारोह में मुख्य अतिथि महामंडलेश्वर स्वामी भवानी नंदन यति जी महाराज ने अपने उदबोधन में कहा कि पत्रकार समाज का दर्पण और चौथा स्तंभ होता है यदि चौथा स्तंभ हिल गया तो समाज हिल जायेगा। पत्रकार निरंतर नए-नए समाचारों की खोज करता है तथा उसे समाज के बीच दर्पण की तरह प्रदर्शित करता है। जिस तरह सोने की चेन को स्वर्णकार गढ़ कर तैयार करता है, ठीक उसी तरह पत्रकार शब्दों को उचित ढंग से गढ़कर समाचार का रूप प्रदान करता है।
विशिष्ट अतिथि पुलिस अधीक्षक डॉ अरविंद चतुर्वेदी ने कहा कि मुझे आज गर्व है कि हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर मुझे आपने आमंत्रित किया है। उन्होंने पत्रकारों से आह्वान किया कि वास्तविक खबरों को ही विस्तार दें और जब भी जरूरत हो वह खबरों के संबंध में मुझसे बात कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों में छपे हुए शब्दों को आमजन ब्रह्मास्त्र मानते हैं,और उस पर अपनी पूरी विश्वास करते हैं। इसलिए खबरों को छापने में सत्यता का ख्याल रखना चाहिए।
विशिष्ट अतिथि मुख्य विकास अधिकारी हरिकेश चौरसिया ने पत्रकारों हितों पर खुलकर चर्चा किया। कहा कि बहुत जल्द ही गाजीपुर के पत्रकारों के लिए अपना एक भवन होगा। जिसके लिए एसोसिएशन के सदस्य और प्रशासन मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने सदैव पत्रकारों के सहयोग का आश्वासन दिया।
डॉ सानंद सिंह ने अपने जोशीले वक्तव्य में आजादी के पहले व आज की पत्रकारिता पर विस्तृत जानकारी दी। पूर्व मंत्री के प्रतिनिधि मन्नू सिंह ने आज के परिवेश में पत्रकारों की भूमिका पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालते हुए उनके आज के मौजूदा राजनीति में महत्व पर प्रकाश डाला। विवेक सिंह ‘शम्मी’ ने कहा कि पत्रकार भी समाज के अंग होते हैं और लोग कहते हैं कि पत्रकारिता का व्यवसायीकरण हो गया है। इस व्यवसायीकरण का आज कहीं न कहीं जरूरत है।
हिन्दी पत्रकारिता पर अन्य वक्ताओं के रुप में संजय यादव,अविनाश प्रधान,सर्वेश मिश्रा,अमरमणि त्रिपाठी,अनिल उपाध्याय, मुन्नी लाल पांडेय आदि ने पत्रकारिता व पत्रकारों की समस्याओं पर प्रकाश डाला।बताया कि हिन्दी भाषा में पहला समाचार पत्र ‘उदन्त मार्तण्ड’ 30 मई 1826 को कोलकाता से कानपुर निवासी पंडित जुगल किशोर शुक्ल ने प्रकाशित किया था। इसलिए इस दिन को हिन्दी पत्रकारिता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसके साथ ही वक्ताओं ने पत्रकारों की समस्याओं पर भी प्रकाश डाला।
इससे पूर्व समारोह में उपस्थित अतिथियों का स्वागत भारत विकास परिषद की महिला संयोजिका अनीता यादव ने गीत प्रस्तुत कर किया। समारोह में पत्रकार एसोसिएशन द्वारा अतिथियों

व विशिष्ट पत्रकारों को अंगवस्त्रम और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

वहीं ग्रामीण अंचलों से आए हुए पत्रकारों को भी अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया।
इस पत्रकारिता दिवस को एक यादगार दिवस के रूप में बनाने का कार्य कार्यक्रम के संचालक डॉ. ए.के.राय और जिलाध्यक्ष गुलाब राय ने किया ।कार्यक्रम में मुख्य रूप से समाज सेविका मीरा राय,आरसी खरवार, अशोक श्रीवास्तव,अनिल उपाध्याय,अशोक सिंह, रविकांत पांडेय, सुमित श्रीवास्तव, आशुतोष त्रिपाठी,आलोक त्रिपाठी, विनय तिवारी,विनोद कुमार गुप्ता,रविंद्र श्रीवास्तव, कमल किशोर, रामजन्म कुशवाहा, प्रकाश गुप्ता,अनिल कश्यप,देवब्रत विश्वकर्मा, अरुण कुमार श्रीवास्तव, प्रमोद सिंहा, कमलेश यादव,इंद्रासन यादव,चंद्रमौली पांडेय,प्रभाकर सिंह,नरेंद्र नाथ पांडेय,एडवोकेट राजेंद्र शर्मा, सूर्यवीर सिंह,दुर्ग विजय सिंह, अजीत नारायण लाल, मुमताज अहमद,अविनाश सिंह,अरुण गुप्ता, विनय यादव,काशी सिंह, पवन श्रीवास्तव सहित काफी संख्या में पत्रकार गण मौजूद रहे।

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