जलियांवाला बाग ! ब्रिटेन के उच्‍चायुक्‍त  ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि

अमृतसर, 13 अप्रैल 2019। जलियांवाला बाग जनसंहार की 100वीं बरसी पर आज देशवासियों ने शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जलियांवाला बाग के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। कोविंद ने ट्वीट किया, “आज से 100 साल पहले, हमारे प्यारे स्वतंत्रता सेनानियों को जलियांवाला बाग में शहीद कर दिया गया था। एक भयावह नरसंहार, सभ्यता पर एक दाग, बलिदान का वह दिन भारत कभी नहीं भूल सकता।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत उन सभी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करता है जो उस दुभार्ग्यपूर्ण दिन शहीद हुए थे। उनकी वीरता और बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। उनकी स्मृति हमें भारत के निमार्ण के लिए और भी अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित करती है, जिस पर उन्हें गर्व होगा।”
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जलियांवाला बाग कांड के सैकड़ों शहीदों को आज सुबह जलियांवाला बाग नेशनल मेमोरियल में श्रद्धांजलि दी। राहुल गांधी ने स्मारक की विजिटर बुक में लिखा कि आजादी की कीमत को कभी नहीं भूलना चाहिए। हम भारत के लोगों को सलाम करते हैं, जिन्होंने इसके लिए सब कुछ दिया। जय हिंद। राहुल गांधी के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी मौजूद रहे।
बताते चलें कि 13 अप्रैल को नरसंहार की 100वीं वर्षगांठ रही, जिसमें ब्रिगेडियर जनरल रेजिनाल्ड डायर के नेतृत्व में ब्रिटिश सेना ने महिलाओं और बच्चों सहित सैकड़ों निहत्थे, निदोर्ष भारतीयों पर गोलियां चलाईं, जो ब्रिटिश सरकार के दमनकारी रौलट अधिनियम के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे थे। इससे पूर्व कल शुक्रवार की शाम जलियांवाला बाग हत्याकांड की 100वीं बरसी की पूर्व संध्या पर छात्रों, स्थानीय निवासियों और आगंतुकों सहित सैकड़ों लोगों ने अमृतसर में कैंडललाइट मार्च निकालकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की थी। ब्रिटेन के उच्‍चायुक्‍त सर डोमिनिक एस्क्विथ भी आज अमृतसर में जलियांवाला बाग गोलीकांड के पीड़ि‍तों की याद में बनवाए गए स्‍मारक पर पुष्‍पचक्र अर्पित कर अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद उन्‍होंने विज‍िटर बुक में लिखा, ‘आज से 100 साल पहले जलियांवाला बाग में जो भी हुआ था, वह ब्रिटिश इतिहास में शर्मनाक घटना थी। जो कुछ भी हुआ, हमें उसका गहरा दुख है। मुझे खुशी है कि आज भारत और ब्रिटेन 21वीं सदी में आपसी साझेदारी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उल्लेखनीय है कि ब्रिट‍िश प्रशासन कई अवसरों पर उस घटना को लेकर खेद जता चुका है। प्रधानमंत्री थेरेसा ने हाल ही में ब्रिटिश संसद में ‘जालियांवाला बाग नरसंहार’ पर खेद जताया था और कहा था कि इस हत्याकांड के कारण लोगों को हुई पीड़ा का उन्‍हें अफसोस है।

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