मंत्रों में है असीमित शक्ति, देश की सीमाओं पर भी खिंची जा सकती है लक्ष्मण रेखा

गाजीपुर (उत्तर प्रदेश),10 अप्रैल 2019 । प्रसिद्ध सिद्धपीठ हथियाराम मठ के महामंडलेश्वर स्वामी श्री भवानीनन्दन यति महाराज ने गाज़ीपुर के सदर विधानसभा क्षेत्र के हरिहरपुर गांव के प्रसिद्ध काली धाम मंदिर पर संचालित यज्ञ अनुष्ठान में उपस्थित पत्रकारों के बीच नवरात्रि की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि चैत्र मास का हिंदू धर्म में धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से बहुत अधिक महत्व है। फाल्गुन और चैत्र ये दो मास प्रकृति के बहुत ही खूबसूरत मास माने जाते हैं। भारत की छह ऋतुओं में से ऋतुराज मानी जाने वाली बसंत ऋतु इन्हीं दो महीनों की होती है। इसलिये इन महीनों में प्रकृति भी खिली-खिली चहकती हुई नजर आती है। जन-जीवन में भी एक नई ऊर्जा, उत्साह व उल्लास का संचार होता है। पहिंदू सनातन परंपराओं में चैत का महीना पहला माह है और नवरात्र का प्रथम दिन नए साल का पहला दिन है। जिंदगी जीने के लिए उर्जा और ताकत की आवश्यकता होती है, इसलिए हमारे यहां साल के पहले दिन से लेकर 9 दिनों तक उपासना करने के लिए क्रम इसलिए बताया गया है कि अगर 6 माह तक अच्छी तरह से जिंदगी जीना है तो उसके लिए आराधना और साधना से अपनी उर्जा को रिचार्ज करें। प्रकृति की टेक्नोलॉजी पर चर्चा करते हुए कहा कि चैत के माह में आप देख रहे हैं कि पतझड़ के बाद पेड़ पौधों में नई पत्तियां निकल रहे हैं, सांप केचुल छोड़ रहे हैं और पक्षियां अपने लिए घोसला तैयार कर रहे हैं। प्रकृति जिस काम में सहयोग कर रही हो उसे साइंटिफिक दृष्टि से देखना चाहिए। चैत माह में किसान भी अपने घर को अनाज से भरेंगे।
वहीं महामंडलेश्वर भवानी नंदन यति ने कहा कि हमारे यहां गुरुजनों को गुरुदेव इसलिए कहा जाता है कि गुरु मंत्रो का मालिक होता है और मंत्र एक टेक्नोलॉजी है जैसे आपके पास फार्मूला होते हैं, फार्मूले खोजे जाते हैं मैंने आपको बताया इलेक्ट्रॉन प्रोटॉन न्यूट्रॉन की बात कही थी ये तो साइंस का फार्मूला है। हमारे यहां मंत्र से ही जागरण होता है, मंत्र से ही ताकत आती है। शत्रु मारण मोहनी उच्चाटन मंत्र से ही होता है। माता सीता को जब लक्ष्मण छोड़ कर गए थे तो वह चहरदीवारी बनाकर नहीं गए थे, बल्कि मंत्र फुंककर रेखा का गोला बना दिया और सीता को उस रेखा से बाहर न जाने की भी बात कही थी। जब रावण उस रेखा को क्रॉस करने की कोशिश की तो उस रेखा से आग निकलने लगी। वह कौन सी टेक्नोलॉजी थी? देश में ऐसी रेखाएं खींच दी जाए तो आतंकवाद हमारा क्या बिगाड़ सकता है? अगर देश के लोगों को संदेह है और अगर हमारे भारतीय राजनीतिज्ञों को संदेह है तो बताये की हमे काम कौन सा करना है, हम उस पर लग जायेंगे। हम तो देश के लिए ही पैदा हुए है। हमारा कोई परिवार नहीं है हमारा कोई गांव समाज भी नहीं है। हम तो राष्ट्र के लिए जीवन जी रहे है। जब मीडिया ने लक्ष्मण रेखा खींचने की बात कही कि कौन खींच सकता है ऐसी रेखाएं तो उन्होंने कहा कि हम लोग जैसे संत खींच सकते हैं। आज भी हमारे पास लक्ष्मण रेखाओं के ज्ञान हैं। बशर्ते वो ज्ञान सुसुप्त हो गया है। साधान नहीं है हमारे पास। यदि सरकार हमें संसाधन,लैब व प्रयोगशाला उपलब्ध कराये तो मंत्र से लक्ष्मण रेखा खींच कर पाकिस्तानियो को मैं अपने सीमा में नहीं आने दूंगा। सरकार जब चाहे हमसे काम ले, हम तैयार हैं। देखें वीडियो —

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