भारत ! चैंपियन ऑफ अर्थ, संयुक्त राष्ट्र संघ तीन अक्टुबर को करेगा प्रधानमंत्री मोदी को सम्मानित

नई दिल्ली ,28 सितम्बर 2018। पर्यावरण संरक्षण में भारत द्वारा किये गए प्रयासों को संयुक्त राष्ट्र संघ ने सराहनीय बताते हुए भारत को “चैंपियन ऑफ अर्थ” का पुरस्कार देने की घोषणा की है।
पर्यावरण मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत चार वर्षों में भारत ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने, प्लास्टिक के इस्तेमाल को पूरी तरह से खत्म करने, जल संरक्षण जैसे बड़े कदम उठाये हैं।इस सम्बन्ध में भारत की नीति काफी प्रभावी रही है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने इसका सारा श्रेय देश के नेतृत्व को दिया है।
संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस आगामी तीन अक्टूबर को स्वयं भारत आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को “चैंपियन ऑफ अर्थ” पुरस्कार से सम्मानित करेंगें। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संयुक्त राष्ट्र के सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान ‘चैम्पियन्स आफ द अर्थ अवार्ड’ के लिए चयनित किए जाने पर आज बधाई दी है । योगी ने कहा कि इस सम्मान के माध्यम से विश्व को भावी पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित स्थान बनाए रखने के प्रधानमंत्री के प्रयासों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर न केवल मान्यता दी गयी है बल्कि उन्हें सराहा भी गया है । योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने विश्व पटल पर देश की प्रतिष्ठा, सम्मान और गौरव को बढ़ाया है । उनकी सफलता से आज पूरा देश गौरवान्वित हो रहा है । उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रधानमंत्री को पॉलिसी लीडरशिप कैटेगरी के अंतर्गत इण्टरनेशनल सोलर एलायंस तथा पर्यावरण के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कार्यों तथा वर्ष 2022 तक भारत में सिंगल यूज़ प्लास्टिक के इस्तेमाल को पूरी तरह समाप्त करने के संकल्प के लिए संयुक्त राष्ट्र के सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान ‘चैम्पियन्स आफ द अर्थ अवार्ड’ से सम्मानित किए जाने का निर्णय लिया है । मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकृति और पर्यावरण की सुरक्षा व संरक्षण भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण अंग रहा है । प्रधानमंत्री भारत के प्राचीन ज्ञान और परम्परा को वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित कर रहे हैं । यह उनके प्रयासों का ही फल है कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रतिवर्ष 21 जून को ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ के रूप में मनाए जाने का सर्वसम्मति से निर्णय किया गया तो यूनेस्को ने कुम्भ को ‘मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत’ की सूची में शामिल किया है । ‘स्वच्छ भारत मिशन’ तथा ‘नमामि गंगे परियोजना’ द्वारा प्रधानमंत्री ने देशवासियों के सहयोग से स्वच्छ और सन्तुलित पर्यावरण के साथ स्वास्थ्य, सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित कराने का अभूतपूर्व प्रयास किया है । प्रधानमंत्री के ‘स्वच्छ भारत मिशन’ कार्यक्रम की सराहना विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा भी गयी है ।

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