सजा ! दो माह बनाम 36 साल @ पाकिस्तानी जेल से रिहा होकर स्वदेश पहुंचे गजानंद शर्मा

बाघा बार्डर (पंजाब),13 अगस्त 2018।किस्मत के खेल निराले मेरे भईया, किस्मत का लिखा कौन टाले मेरे भईया……..
यह गीत सटीक बैठता है पाकिस्तानी जेल से रिहा होकर स्वदेश पहुंचे 68 वर्षीय गजानंद शर्मा पर। यह किस्मत की ही मार थी कि मात्र दो माह की सजा के बदले उन्हें अपनी जिन्दगी का अहम हिस्सा जेल में बिताना पड़ा। बत्तीस वर्षीय गजानंद 1982 में घर से अचानक लापता हो गए थे और काफी खोज बीन के बावजूद परिजनों को उनका कोई सुराग नहीं मिला।
गजानंद पिछले 36 सालों से पाकिस्तान के लाहौर जेल में कैद थे। दिलचस्प बात यह रही कि उनको सिर्फ 2 महीने की सजा हुई थी लेकिन काउंसलर एक्सेस नहीं होने के कारण उनकी जिन्दगी के बहुमुल्य 36 साल जेल में ही बीत गये।
उल्लेखनीय है कि गजानंद के पाकिस्तानी जेल में बंद होने की जानकारी उनके परिजनों को मई माह में उस वक्त हुई जब पुलिस अधिकारियों ने गजानंद की राष्ट्रीयता की पुष्टि हेतु परिजनों से संपर्क किया। पुलिस अधिकारियों ने ही बताया कि वह पाकिस्तान जेल में कैदी हैं।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान ने सद्भावना दिखाते हुए अपने स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पूर्व 27 मछुआरों सहित 30 भारतीय कैदियों को जेल से रिहा किया,जिसमें गजानंद भी थे। रिहाई के बाद सभी भारतीय आज सोमवार को पंजाब के अटारी-वाघा बॉर्डर पहुंचे।
इस दौरान अटारी- बाघा सीमा पर पहुंचे पंजाब के एक्टिविस्ट सहदेव शर्मा ने कहा कि यह स्वतंत्रता दिवस पर केंद्र सरकार द्वारा हमारे पूरे देश के लिए एक उपहार है। उच्चतम न्यायालय्ट के समक्ष जुलाई में सौंपी गई एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, 418 मछुआरों समेत 470 भारतीय पाकिस्तानी जेलों में बंद बताये गये हैं।

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