देवरिया काण्ड! नहीं बख्शे जायेंगे अपराधी – गृह मंत्री

नई दिल्ली / लखनऊ,07 अगस्त 2018।
लोकसभा में,शून्यकाल में समाजवादी पार्टी, राजद और कांग्रेस के सदस्यों ने उत्तर प्रदेश के देवरिया बाल गृह की घटना पर सरकार से ऐसी जघन्य घटना की निष्पक्ष जांच कराने एवं दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की। जिस पर विपक्ष के तीखे प्रहार के बीच गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस घटना में शामिल किसी अपराधी को बख्शा नहीं जायेगा और राज्य सरकार इस मामले में तेजी से कार्रवाई कर रही है। गृह मंत्री ने कहा, ‘इस प्रकार की घटना कहीं भी घटे, वह दुखद, दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है।’ उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने तुरंत संबंधित अधिकारियों की बैठक बुलाई और त्वरिक कार्रवाई करते हुए जिला प्रशासनिक अधिकारी को निलंबित कर दिया। बाल गृह की संचालिका और उसके पति को गिरफ्तार कर लिया गया है तथा मामले की जांच अतिरिक्त मुख्य सचिव और डीजी स्तर के अधिकारी कर रहे हैं।

उधर उत्तर प्रदेश की महिला एवं परिवार कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने लखनऊ में संवाददाताओं को बताया कि देवरिया में हुई घटना की जांच के लिए उनके विभाग की प्रमुख सचिव रेणुका कुमार और अपर पुलिस महानिदेशक (महिला हेल्पलाइन) अंजू गुप्ता की टीम ने पड़ताल की है। उन्होंने कहा कि संस्था ‘मां विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं समाज सेवा संस्थान’ को वर्ष 2010 में सरकारी काम मिला था। उस वक्त प्रदेश में बसपा की सरकार थी। वर्ष 2010 से 2014 के बीच इस संस्था को बालिका बाल गृह, शिशु गृह, स्वधार गृह, अडॉप्शन होम वगैरह काम दिये गये। मंत्री ने कहा कि चाइल्ड वर्किंग कमेटी को बाल गृहों की समीक्षा और मुआयने की जिम्मेदारी दी जाती है। ये सारी कमेटियां पिछली सपा सरकार के शासनकाल में गठित कर दी गयी थीं। सपा, बसपा के कार्यकाल में इतने गलत लोगों को इन समितियों में रखा गया था। कहा कि जब महकमे ने जून 2017 में इसे बंद करने का नोटिस देकर जिलाधिकारी को जानकारी दी थी तो वह कैसे संचालित हो रहा था।कहा कि देवरिया के जिलाधिकारी को संरक्षण गृह बंद करने और उनमें रह रहे बच्चों को दूसरी जगह स्थानान्तरित करने के लिये कम से कम 15 नोटिस दिए गए। निदेशालय से पांच पत्र भेजे गये। निश्चित रूप से स्थानीय स्तर पर लापरवाही हुई है। इस बात की जांच की गई है कि जिलाधिकारी को भेजे गये पत्रों पर कार्रवाई हुई या नहीं। जिला प्रोबेशन अधिकारी, जिला बाल संरक्षण अधिकारी के रिकार्ड की भी जांच की जा रही है कि उन्होंने इस मामले में कितनी गम्भीरता दिखायी। यह लापरवाही थी या साठगांठ, इसका खुलासा बजांच रिपोर्ट आने के बाद ही होगा। बताया कि जांच टीम ने विस्तृत तफ्तीश की है । उसने संरक्षण गृह में रहने वाले बच्चों के अलग-अलग बयान लिये। साथ ही सारे रिकार्ड की जांच की। रिकार्ड में और जो कुछ संस्था के लोग कह रहे हैं, उनमें कोई तालमेल नहीं मिल रहा है। जब इस संरक्षण गृह को बंद करने के आदेश दिये गये थे तब उसमें 28 बच्चे थे, मगर अब 23 हैं। इनमें 20 लड़कियां और तीन लड़के हैं। संस्था संचालक का कहना है कि उनके यहां 42 बच्चे थे।वे शेष बच्चों का कोई पता नहीं बता सके। उन सभी बच्चों का पता लगाया जा रहा है। रिपोर्ट आज शाम मुख्यमंत्री के पास पहुंचेगी।

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