स्वामी सहजानन्द सरस्वती राष्ट्र के अमूल्य धरोहर….

गाजीपुर (उत्तर प्रदेश), 26 जून 2018। स्वामी सहजानन्द सरस्वती का निर्वाण दिवस उनकी जन्म भूमि देवा गांव स्थित स्मारक पर ससमारोह मनाया गया। समारोह के मुख्य अतिथि प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही व अन्य अतिथियों ने स्वामी जी की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि ने स्वामी जी के कृतित्व व व्यक्तित्व पर चर्चा करते हुए कहा कि स्वामी जी सम्पूर्ण किसानों, गरीबो, मजलुमोंं के आर्थिक व सामाजिक उत्थान के पक्षधर थे। उनकी सोच के अनुरूप भाजपा सरकार गरीबों और कमजोर वर्गों के उत्थान हेतु समर्पित है।
कहा कि कांग्रेस सरकार जो पिछले 46 सालों में न कर सकी उसे भाजपा ने 4सालो में कर के दिखाया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वामी सहजानन्द सरस्वती के सपनो को साकार किया।गरीब किसानों की कर्जमाफी की। गरीबों के चेहरों पर मुस्कान लाने व भुखमरी से निजात दिलाने हेतु गेहू 2 रुपये किलो और चावल 3रुपये किलो देने का कार्य भाजपा ने किया। प्रधानमंत्री ने गरीब परिवारों को मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर उपलब्ध कराया। हर गांव को सड़क, बिजली, पानी के साथ स्वच्छ व स्वस्थ बनाने का कार्य नरेन्द्र मोदी ने किया है।उन्होंने कहा कि हमारा कृषि विभाग पूरी तरह डिजिटल हो गया है। अब बिचौलियों का कोई कार्य नहीं है। किसान कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन कराकर विभागीय सुबिधाओं का पूर्ण लाभ उठा सकता है। विभाग से मिलने वाली हर छूट अब बिचौलिए के माध्यम से नहीं, बल्कि सीधे किसान के खाते में जायेगी। किसान हितों की रक्षा हेतु हमने किसानों की उपज की खरीद की है और और उनकी उपज का भुगतान शीघ्र ही उनके बैंक खाते में भेज दिया गया है। किसानों को बुआई के लिए बीज अनुदान पर दिये जा रहे हैं ताकि वे उन्नतिशील बीजों का प्रयोग कर अपनी उपज बढ़ा कर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकें। कहा कि आने वाले दिनों में रबी फसल के बीज किसानों को अनुदान पर मात्र 12,13 रुपये किलो की दर से उपलब्ध होगा। उन्होंने किसानों को आगाह किया कि हर किसान कृषि विभाग की वेबसाईट पर रजिस्ट्रेशन कराके सरकार की दर्जनों महत्वकांक्षी योजनाओं का लाभ प्राप्त करें ।उन्होंने अगले वर्ष स्वामी जी की याद में
वहां तीन दिवसीय किसान मेले के आयोजन का विश्वास दिलाया।अपने उद्बोधन में रोहनिया विधायक सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि स्वामी जी ने अंग्रेजी हूकूमत में भी देश के गरीबों, किसानों के उत्थान के लिए अनेको आंदोलन चलाया और देश की आजादी में अहमं भूमिका निभाई, जिसे व्यापक जनसमर्थन मिला। स्वामी जी इतिहासकारों के सुनियोजित राजनीतिक षणयंत्र के शिकार हुए हैं। दिल्ली के प्रोफेसर आनन्द वर्धन ने स्वामी जी के क्रियाकलापों व कार्यों का विवेवन कर उनके विभिन्न पहलूओं की विस्तार से चर्चा की। आयोजक पारसनाथ राय ने स्वामी जी के आदर्शों से प्रेरणा लेकर उनका अनुकरण करने को ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि बताया।

समारोह में प्रधान प्रतिनिधि शमसाद अंसारी ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।इस मौके पर स्वामी अन्नतानन्द सरस्वती, प्रभुनाथ चौहान, शारदा राय, अरविंद राय, अनिल पाण्डेय, दुर्गविजय शर्मा, रुद्रप्रताप सिंह, रामआसरे चौहान, विंध्याचल राय, बोधा जायसवाल, योगेंद्र नाथ राय, गौरीशंकर पाण्डेय, कपिलदेव राय,नयन प्रकाश राय,रबिन्द्रनाथ राय, ओंकार राय सहित विभिन्न जनपदों से आये गणमान्य जन व ग्रामवासी उपस्थित रहे। समारोह की अध्यक्षता दयाशंकर सिंह व संचालन वीरभद्र राय ने किया।

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