जिज्ञासा ! रविवार के बाद सोमवार ही क्यों ?

आज रविवार क्यों है ?क्यों रविवार के बाद सोमवार, सोमवार के बाद मंगलवार, फिर वुद्धवार ………………….. आते हैं ? ऐसी जिज्ञासा सम्भव है। ऐसे में इसका उत्तर होना ही चाहिए। इसका उत्तर है कि भारतीय ज्योतिष के अनुसार पृथ्वी से क्रमशः दूर चंद्र, बुध, शुक्र, सूर्य, मंगल, गुरु और शनि के कक्ष हैं ।यानी धरती से सर्वाधिक निकट चंद्रमा और सर्वाधिक दूर शनैश्चर है । एक घंटे की एक होरा होती है तथा 24 घंटे का एक दिन-रात । भारतीय ज्योतिष में दिन का आरंभ सूर्योदय से माना जाता है और जिसकी होरा में दिनारम्भ होता है ,उसी ग्रह के नाम पर उस दिन का नाम होता है । मतलब यह कि सूर्योदय काल में रवि की होरा रहेगी तो रविवार,सोम की होरा होगी तो सोमवार…….. ।
अब मान लिया कि शनिवार के सूर्योदय काल से रविवार के सूर्योदय के पूर्व तक के 24 घंटों का शनिवार रहा तो अगला दिन रविवार ही होगा ; यह जानने के लिए क्रमशः 1शनि,2गुरु,3मंगल,4सूर्य ,5शुक्र ,6बुध,7चन्द्र,8शनि,9गुरु,10मंगल,11सूर्य,12शुक्र,13बुध,14चंद्र,15शनि,16गुरु,17मंगल,18सूर्य,19शुक्र,20बुध,21चन्द्र ,22शनि ,23गुरु तथा 24मंगल –इस तरह शनिवार के 24 घंटे हुए ।क्रमानुसार अब 25वां घंटा रवि का हुआ न !इसी तरह रवि से 25वां घंटा सोम [चंद्र]का और चंद्र से 25 घंटा मंगल का ……होता ,है ,जिससे ग्रहों के नाम पर दिनों का प्रचलन हुआ ।

रिपोर्ट -नरेन्द्र नाथ शर्मा , साभार – ज्योतिषाचार्य पंडित मारकंडेय शारदेय

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