सम्भावना !  सोलर तूफान से ठप हो सकती हैं  संचार सेवाएं

नई दिल्ली ,08 मई 2018। सरकार द्वारा गत दिनों आंधी-तूफान और बारिश की चेतावनी के मध्य अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने भी अगले २४ घंटे में पृथ्वी से सोलर तूफान टकराने की संभावना व्यक्त कर लोगों को सकते में डाल दिया है।यह एक खगोलीय घटना है। सौर तुफान के पृथ्वी से टकराने से इसके हानिकारक प्रभाव होंगे ।कहा गया कि सोलर तुफान के बाद सूर्य से भारी ऊर्जा निकलेगी जिसमें कॉस्मिक किरणें भी होंगी, जिसकी वजह से सैटलाइट आधारित सेवाएं अत्यधिक प्रभावित हो सकती हैं। इसका सर्वाधिक प्रभाव मोबाइल नेटवर्क, केबल नेटवर्क और जीपीएस नैविगेशन पर पड़ेगा जिससे ये सेवाएं ठप हो जाएंगी। इन सभी के बंद होने से पृथ्वी पर संचार सेवाएं बाधित हो जाएंगी।
पृथ्वी से सोलर स्टॉर्म टकराने की पुष्टि अमरीकी स्पेस एजेंसी नासा ने की है। नेशनल ओशन एण्ड एटमास्फियर एसोसिएशन का कहना है कि तूफान से उत्तर व दक्षिण में तीव्र रोशनी नजर आयेगी। खगोल विशेषज्ञों का कहना है कि सोलर डिस्क के आधे हिस्से को काटते हुए एक बड़ा सा छेद बन जायेगा जिससे वायुमंडल में गर्म हवाओं का एक तूफान आएगा। इसकी वजह से जनजीवन भी प्रभावित हो सकता है।
सोलर तुफान के ग्रेड — नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि इस सोलर तूफान का सबसे ज्यादा असर पश्चिमी देशों में पड़ेगा। भारत में इसका असर क्षणिक देखा जा सकता है। बताया जा रहा है कि सौर तूफान को पांच श्रेणी में बांटा गया है। इस श्रेणी का नाम जी-1, जी-2, जी-3, जी-4 और जी-5 रखा गया है। सबसे अंतिम श्रेणी जी-5 का तूफान सबसे अधिक खतरनाक होता है। कहा जा रहा है कि जी-1 श्रेणी के तूफाम का असर पावर ग्रिड पर सर्वाधिक होता है। नेशनल ओशन ऐंड अटमॉस्फियर असोसिएशन ने बताया कि यह तूफान जी-1 श्रेणी का है जोकि काफी हल्का माना जाता है। लेकिन इसके बावजूद दुनिया को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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