उम्रकैद ! दुष्कर्म मामले में फंसे आसाराम

नई दिल्ली, 25 अप्रैल 2018। तीन छिपाये ना छिपे। चोरी , हत्या, पाप।। जी हां, उक्त कहावत सटीक बैठी है, दुष्कर्म के आरोपी आसाराम पर । न्यायालय ने आसाराम को पाक्सो और एससी एसटी एक्ट समेत चौदह धाराओं में दोषी दोषी मानते हुए उम्रकैद तो उनके दो अन्य सहयोगियों को बीस बीस वर्ष जेल की सजा सुनाई है।
ज्ञातव्य है कि माह अगस्त 2013 में एक सोलह वर्षिया अवयस्क किशोरी ने आसाराम पर उनके जोधपुर आश्रम में यौन शोषण का आरोप लगाया था। इस जानकारी के दो दिन के बाद ही किशोरी के पिता ने दिल्ली में आसाराम के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी जिसपर कारर्वाई करते हुए पुलिस ने पीड़िता की चिकित्सकीय जांच करा मामले को राजस्थान पुलिस को भेंज दिया।घटना की गम्भीरता को देखते हुए राजस्थान पुलिस ने इस मामले में पूछताछ हेतु आसाराम को 31 अगस्त 2013 तक उपस्थित होने हेतु सम्मन जारी किया। आसाराम द्वारा सम्मन की अनदेखी पर दिल्ली पुलिस ने उनके विरुद्ध धारा 342, 376 और 506 के अन्तर्गत केस दर्ज कर दिया। इस मुकदमे से बचने हेतु आसाराम ने अनेकों चालें चलींं पर अन्त में उन्हें मुंह की खानी पड़ी। इसके उपरांत आसाराम के प्रवचन हेतु इंदौर आने पर काफी मसक्कत के बाद पुलिस ने भारी हंगामे के बीच 1 सितंबर 2013 को आसाराम को गिरफ्तार कर जोधपुर जेल भेंज दिया था। इस सम्पूर्ण मामले पर पूरे देश की निगाहें लगी रहीं। लम्बी चली कार्यवाही में 58 गवाहों के बयान दर्ज हुए थे।न्यायालयी कारर्वाई पूर्ण होने के उपरांत फैसला आज के लिए सुरक्षित रखा गया था। आज बुधवार को जोधपुर सेंट्रल जेल में बनी एससी/एसटी विशेष न्यायालय में आरोपी कथावाचक आसाराम समेत तीन आरोपियों को अपराधी घोषित किया। विशेष न्ययायालय के न्यायाधीश मुधसूदन शर्मा ने मामले में के मुख्य आरोपी आसाराम को आजीवन कारावास तथा उनके सहआरोपी शिल्‍पी और शिवा को बीस-बीस वर्ष कैद की सजा दी गई जबकि दो अन्य आरोपी प्रकाश और शिवा को बरी कर दिया गया।

Views: 16

Leave a Reply