दलित ! बन्द हो इस शब्द का उपयोग

नयी दिल्ली,14 अप्रैल 2018 । केन्द्र सरकार ने राज्य और केन्द्र के समस्त विभागों से सरकारी कार्यों व रिपोर्टों में अनुसूचित जाति से जुड़े लोगों के लिए ‘दलित’ शब्द के उपयोग से बचने का निर्देश दिया है।इस सम्बंध में सामाजिक न्याय मंत्रालय ने केन्द्रीय विभागों, राज्य सरकारों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रशासनिक अधिकारियों को गृह मंत्रालय द्वारा जारी 10 फरवरी 1982 को जारी आदेश का हवाला देते हुए अधिकारियों से अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र में ‘हरिजन’ शब्द का उपयोग न करने का निर्देश दिया। कहा गया है कि कागजातों में उस जाति का उल्लेख करे जिसमें वह व्यक्ति ताल्लुक रखता है और राष्ट्रपति के आदेशों के तहत अनुसूचित जाति के रूप में जिसे मान्यता दी गई थी। सभी मुख्य सचिवों को लिखे गये पत्र में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा 15 जनवरी को दिये गये आदेश का भी उल्लेख किया गया है। जिसमें केन्द्र सरकार / राज्य सरकारों और इसके विभागें को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए ‘दलित’ शब्दावली का इस्तेमाल करने से बचने को कहा गया है क्योंकि भारत के संविधान या किसी विधान में इसका कोई उल्लेख नहीं पाया गया है। 15 मार्च को जारी निर्देश में कहा गया है, ‘‘सभी राज्य सरकार/केन्द्र शासित प्रशासन से आग्रह है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 341 के तहत जारी राष्ट्रपति के आदेशों में अधिसूचित अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाले लोगों के लिए सभी सरकारी कामकाज, मामलों, लेनदेन, प्रमाणपत्रों आदि में … संवैधानिक शब्द अंग्रेजी में ‘शिड्यूलड कास्ट’ (अनुसूचित जाति) और इसका अन्य राष्ट्रीय भाषाओं में उचित अनुवाद का ही इस्तेमाल होना चाहिए।’’

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