तमाशबीन !एक सच्चाई

तमाशबीन

उसे लगा था
मरने नही दिया जाएगा
बचा लिया जाएगा उसे
कमसकम मौत तो नहीं आएगी उसे लेने
भ्रम था सो टूट गया
लोग आए तमाशबीन बने
शोर मचाया तालियां बजाई
और इस बात पर चर्चाएं की
कि मौत आखिर आती कैसे है
मौत आई और साथ ले गई उसे
वो भी आवाक
अपने दो जोड़ी बैलों
और सूखे खेतों को
कातर नजरों से देखते चल दिया
इस जहां और
उसके लोगों को छोड़ कर
दरअसल लोग नहीं
बुतों को छोड़ कर
बुत जो हंसते हैं
बात करते हैं
चलते हैं
और वो तमाम कुछ
जो जिंदा होने को जरूरी हो
वो सब करते हैं
बस नहीं करते तो
वो है
मरते हुओं को बचाना
मरे हुओं को
कंधा देना
उनकी तकलीफों में शरीक होना
दो आंसू बहाना
और कुछ सहेज लेना
अपनी आखिरी यात्रा
के लिए
ताकि जब लोग
फिर से तमाशबीन बने
तब अपनी खुद की मौत पर
आंसू बहाया जा सके
और लाशों का आसूँ बहाना तो
शायद दुनिया का सबसे खूबसूरत
वाकया है।

(पूजा राय)

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