ससमारोह मनाई गयी मालवीय जयन्ती 

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई को दी गयी भावभीनी श्रद्धांजलि 


गाजीपुर। पं. मदन मोहन मालवीय इंटर कॉलेज सिखड़ी में पंडित मदनमोहन मालवीय व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई  जयंती ससमारोह मनाई गई।

          कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि, विशिष्ठ अतिथि राज्य सभा सांसद डा. संगीता बलवन्त तथा कार्यक्रमाध्यक्ष प्रो. राधवेंद्र पाण्डेय प्राचार्य पीजी कालेज गाज़ीपुर द्वारा दीप प्रज्वलित कर तथा मां सरस्वती, मालवीय जी तथा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। विद्यालय परिवार द्वारा मुख्य अतिथि, विशिष्ठ अतिथि तथा अध्यक्ष को स्मृति चिन्ह तथा अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया। 

       समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि मनोज सिन्हा उपराज्यपाल जम्मू-कश्मीर ने मालवीय जी को युग दृष्टा बताते हुए उनके कृतित्व और व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। कहा कि देश के स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर देश को प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ाने तक में मालवीय जी का विशेष योगदान रहा। उन्होंने अपना जीवन मां भारती के लिए जिया। उन्होने अंग्रेजी हुकूमत के दौरान शिक्षा की बढ़ती आवश्यकता को समझते हुए आर्थिक परेशानियों से जूझने के बावजूद बगैर किसी सरकारी सहयोग के विश्वविद्यालय बनाने का सपना देखा और  1916 की बसंत पंचमी के दिन विश्वविद्यालय की स्थापना कर सपने को साकार किया।  काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने विभिन्न विधाओं में शिक्षा तथा शोध की अपार संभावनाएं पैदा की। उन्होंने कहा कि आज का दिन हमारे लिए गौरवशाली है क्योंकि आज ही के दिन दो महान विभूतियां महामना पंडित मदन मोहन मालवीय तथा भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई की जयंती है।  इन दोनों महापुरुषों का मेरे जीवन की दिशा निर्धारण में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। दोनों महापुरुषों ने राष्ट्रीयता को सर्वोपरि मानते हुए अपनी मंजिल स्वयं निर्धारित की और अपना रास्ता भी खुद बनाया। कहा कि दोनों महापुरुषों में काफी समानता रही, दोनों लोगों में मालवीय जी ने राष्ट्रीय चेतना, स्वदेशी मान सम्मान, समाज सुधार में महती भूमिका निभाई तो बाजपेई जी ने राष्ट्रवादी विचारधारा को नया आयाम दिया। वाजपेई जी ने मालवीय जी की परंपरा को आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि आज शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक बदलाव आया है। आज शिक्षकों का कर्तव्य है कि वह छात्रों को चुनौतियों का सामना करने हेतु तैयार करें। उन्होंने शिक्षार्थियों से लक्ष्य निर्धारण कर शिक्षा ग्रहण कर देश का नाम रोशन करने का आग्रह किया‌। अटल बिहारी बाजपेयी समाज में सभी जनता की बराबरी की वकालत की थी। उनकी सोच थी कि जनशक्ति को राष्ट्र शक्ति में परिवर्तित किया जाए। आज भारत की विकास यात्रा को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पूरा किया जा रहा है। कहा कि देश की जनता को स्वावलंबी बनाने के लिए हर कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें इतिहास से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। आज भी भारत के पास जो दौलत है वह अन्य किसी देश के पास नहीं है।

अध्यक्ष तथा विशिष्ठ अतिथि ने अपने संबोधन में मालवीय जी एवं बाजपेई जी के जीवन चरित्र पर पर प्रकाश डालते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। मालवीय जी की चर्चा करते हुए कहा कि वे सही मायने में महामानव थे। आजादी के बाद देश के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा,चिकित्सा स्वास्थ्य, इंजीनियरिंग तथा शोध के साथ-साथ संस्कारित शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने बीएचयू की स्थापना कर देश को आगे बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने देशवासियों से राष्ट्र के प्रति समर्पित होकर देश को प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाने का आह्वान किया। समारोह में छात्र छात्राओं द्वारा विभिन्न ज्ञानवर्धक रंगारंग सास्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। इस मौके पर राज्यसभा सांसद डा. संगीता बलवन्त, केदारनाथ सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील सिंह, राजकुमार गौतम, भानुप्रताप सिंह, कृष्ण बिहारी राय, परीक्षित सिंह, विनोद अग्रवाल, लालजी यादव, राम नगीना यादव, डॉ दुर्ग विजय यादव,, अशोक कुमार गुप्ता सहित विभिन्न विद्यालयों महाविद्यालयों के प्रबंधक, प्रधानाचार्य, अभिभावकगण तथा छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। आभार ज्ञापन प्रबन्धक पारसनाथ राय तथा संचालन गौरी शंकर पांडेय ने किया।

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