साहित्यिक मंच के संरक्षक बने डॉ एम डी सिंह, रचनाकारों ने अपनी रचनाओं से किया मंत्रमुग्ध
गाजीपुर। वरिष्ठ होमियोपैथिक चिकित्सक व कवि डॉ एम डी सिंह के आवास पर आयोजित रचनाकार संगोष्ठी में साहित्यकारों ने रचनात्मकता के विविध आयामों पर विस्तार से चर्चा की। संगोष्ठी में एक विशुद्ध साहित्यिक मंच की आवश्यकता पर बल दिया गया। इस मंच के संरक्षक के रूप में डॉ एम डी सिंह का चयन किया गया। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि, साहित्यकारों को आपसी संवाद और विमर्श को बढ़ावा देने के लिए वाद की परिधि से बाहर निकलना होगा। मार्क्सवादी, राष्ट्रवादी, समाजवादी इत्यादि सभी खेमों के विचारों का तथ्य, तर्क और विश्लेषण के आधार पर स्वागत होना चाहिए। आलोचना व्यक्ति की नहीं बल्कि साहित्य की और साहित्यिक घेरे में होनी चाहिए। विचारक डॉ माधव कृष्ण ने इस साहित्यकार मंच की विशुद्ध साहित्यिक पत्रिका के प्रकाशन के लिए प्रस्ताव रखा ताकि सृजनधर्मिता को अपेक्षित गाम्भीर्य के साथ लिया जा सके। वहीं दूसरे सत्र में काव्य संगोष्ठी में डॉ एम डी सिंह, कवयित्री रश्मि शाक्या, कवि हरिशंकर पाण्डेय, समकालीन कविता के सशक्त हस्ताक्षर पूजा राय, व्यंग्यकार विजय कुमार मधुरेश, कवि आशुतोष श्रीवास्तव, युवा कवयित्री सुश्री रिम्पू सिंह, मनोज सिंह यादव, कवयित्री शालिनी श्रीवास्तव, विचारक माधव कृष्ण, कवि दिनेश चन्द्र शर्मा ने अपनी कविताओं के माध्यम से लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया।
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