नवरात्रि में भक्तों पर बरसती है मां की कृपा

गाजीपुर। वासंतिक नवरात्र महोत्सव मंगलवार को प्रतिपदा के साथ आरम्भ हुआ। इस अवसर पर सभी देवी मन्दिरों में नवरात्रि की धूम रही। मां कष्टहारिणी देवी मन्दिर करीमुद्दीनपुर, शितलाधाम रेवतीपुर, कामच्छा धाम मन्दिर करहियां, अमवा की सति माता मन्दिर, सिद्धपीठ वृद्धम्बिका माता मन्दिर हथियाराम सहित सभी मन्दिरों मे जगजननी मां के पूजं अर्चन का क्रम सुबह से जारी रहा। श्रद्धालुओं के जयकारे से पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो रहा है।

   हथियाराम मठ  की शाखा कालीधाम हरिहरपुर में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हवन पूजन के साथ नवरात्र महोत्सव का शुभारंभ हुआ।

     इस धाम में विद्यमान दक्षिणमुखी देवी प्रतिमायें अलौकिक और पुण्यफल दायक हैं। यह मंदिर व इसमें स्थापित मां काली की तीन मूर्तियां स्वयं में काफी महत्व रखती हैं। बताते हैं कि सच्चे हृदय से इनका दर्शन करने मात्र से श्रद्धालुओं की सभी मनोकामना पूरी होती है। मन्दिर में विद्यमान तीन प्रतिमाएं मां के तीनों रूपों महासरस्वती, महालक्ष्मी और महाकाली के रूप में विद्यमान हैं। श्रद्धालुओं ने जहां मां का पूजन अर्चन कर यज्ञ मंडप की परिक्रमा किया, तो वहीं महाराज श्री का चरण वन्दन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। सिद्धपीठ हथियाराम के पीठाधिश्वर महामंडलेश्वर स्वामी भवानी नन्दन यति जी महाराज के संरक्षकत्व में नवरात्र पर्यंत चलने वाले इस वृहद अनुष्ठान में पुण्य लाभ की कामना के साथ शिष्य श्रद्धालुओं की भारी भीड़ दिन भर उमड़ी रही। 

           बताया गया कि अति प्राचीन सिद्धपीठ हथियाराम मठ की शाखा मां काली मंदिर हरिहरपुर में स्थित माता खड़बा क्षेत्र के चालीस गांवों में रहने वाले लोगों की कुल देवी हैं। माता के दरबार में उपस्थित होकर दर्शन पूजन के लिए  देश के कोने-कोने से शिष्य-श्रद्धालु पहुंचकर श्रद्धाभाव से देवी माता और पीठाधिपति महामंडलेश्वर भवानीनन्दन यति जी महाराज के श्रीचरणों में श्रद्धानवत हो रहे हैं।

         हरिहरात्मक पूजनोंपरांत प्रवचन करते हुए स्वामी भवानी नन्दन यति ने देवी दुर्गा की आराधना को सर्वदा फलदायक बताते हुए जनता से पूजा-पाठ और संत समागम से जुड़ने का आह्वान किया। कहा कि कर्म ही पूजा नहीं, पूजा ही कर्म है, के मूलमंत्र को जीवन में आत्मसात करें, तभी कल्याण होगा। यहां पहुंचने वाले भक्तों के लिए भंडारा चल रहा है, जिसमें महाप्रसाद ग्रहण कर श्रद्धालु जयकारा लगाते हुए अपने घरों को लौट रहे हैं।

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