जेसीआई  की बैठक में  मौजूदा ढांचे में सुधार व परिवर्तन पर हुई चर्चा

जर्नलिस्ट काउंसिल आफ इंडिया की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मासिक बैठक सोमवार को वर्चुअल मीटिंग के रूप में संपन्न हुई। बैठक में असम के पूर्व न्यायाधीश एवं जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय सलाहकार समिति के वरिष्ठ सदस्य विकास कुमार, राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग सक्सेना, राष्ट्रीय संयोजक डॉ आर सी श्रीवास्तव, राष्ट्रीय सलाहकार समिति के वरिष्ठ सदस्य राजू चारण, अजय शुक्ला समेत लगभग सभी राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने भाग लिया। 

        इस अवसर पर विचार व्यक्त करते हुए अध्यक्ष अनुराग सक्सेना ने कहा कि संस्था के वरिष्ठ पदाधिकारियों को और अधिक जिम्मेदारी लेने की आवश्यकता है। वहीं निचले स्तर के संगठनों को और अधिक संगठित और जुझारू होने की आवश्यकता है तभी हम पत्रकारों के हित की लड़ाई बेहतर तरीके से लड़ सकेंगे।  राष्ट्रीय संयोजक डॉ आर सी श्रीवास्तव ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि संगठन के हर सदस्य को संगठन हित और पत्रकारों के हित के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए और यह प्रयास करना चाहिए कि किसी भी प्रकार से पत्रकारों का शोषण न होने पाये।  रिटायर्ड जज एवं संस्था के वरिष्ठ पदाधिकारी विकास कुमार ने कहा कि जहां एक तरफ पत्रकारों के हितों की रक्षा करने की आवश्यकता है वहीं दूसरी तरफ पत्रकारों के लिए संघर्ष करने और उनके हक को सुरक्षित करने की भी आवश्यकता है ताकि पत्रकार निर्भीक होकर अपने कार्य को अंजाम दे सके। संस्था के वरिष्ठ पदाधिकारी राजू चारण ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पत्रकारों को आपसी द्वेष छोड़कर केवल पत्रकार हितों की बात करनी चाहिए। हमारा यह प्रयास होना चाहिए कि हम किस प्रकार से पत्रकारों के हित में और बेहतर कर सकते हैं। वरिष्ठ पदाधिकारी अजय शुक्ला ने कहा कि पदाधिकारियों को और परिश्रम करने की आवश्यकता है तथा समाचार पत्रों के जिला संवाददाता के अतिरिक्त अन पत्रकारों को भी पहचान दिलाने और उनके हक के लिए आवाज उठाने की आवश्यकता है। प्रिंट मीडिया के अतिरिक्त इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और वेव मीडिया प्लेटफार्म के लिए भी और बेहतर तरीके से आवाज उठाने की आवश्यकता है। वरिष्ठ पदाधिकारी राघवेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि आज पत्रकारों को प्रताड़ित किया जा रहा है और बेवजह उनके खिलाफ मुकदमे लिखे जा रहे हैं जो पत्रकारों पर उत्पीड़न है इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वरिष्ठ पदाधिकारी दानिश जमाल ने कहा कि आज हमें और हमारे पत्रकार भाइयों को आपसी भेदभाव भुलाकर जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया के बैनर तले एकजुट होकर पत्रकारों की लड़ाई लड़ने की आवश्यकता है ताकि पत्रकारों को उनका सम्मान एवं मान प्रतिष्ठा मिल सके। हम सरकार से संगठन के माध्यम से लगातार ईपेपर और पोर्टल को मान्यता देने की बात उठाते रहे हैं और हम तब तक प्रयास करेंगे जब तक हमारी बातें नहीं मानी जाती। अब इसका असर दिखने भी लगा है और कई प्रांतों में पोर्टल और ई-पेपर के प्रति राज्य सरकारों का रवैया पहले की अपेक्षा बेहतर हुआ है परंतु अभी और भी प्रयास करने की आवश्यकता है।

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