रोवर्स-रेंजर समागम का हुआ रंगारंग समापन

रोवर्स चैंपियनशिप पीजी कालेज  तथा रेंजर्स चैंपियनशिप राजकीय महिला महाविद्यालय के नाम

गाज़ीपुर। स्वामी सहजानंद स्नातकोत्तर महाविद्यालय गाजीपुर के प्रांगण में 31वां द्विदिवसीय जनपदीय रोवर्स-रेंजर्स समागम बुधवार की देर शाम सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ सम्पन्न हुआ। 

       समागम के रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में विभिन्न महाविद्यालयों के रोवर्स-रेंजर्स प्रतिभागियों ने अपने-अपने दल के साथ लोकनृत्य और लोकगीतों की प्रतियोगिता में मनमोहक प्रस्तुति दी। राजकीय महिला महाविद्यालय की प्रज्ञा रोवर्स दल ने होरी गीत की परम्परा को जीवंत करते हुए जोगीरा की नृत्यमय प्रस्तुति से दर्शकों को झूमने पर विवश  कर दिया। उनके द्वारा ‘खेलो-खेलो रे सखिया खूब होली’ के बोल के साथ ‘आई हो दादा बदल गइल दुनिया, बेटा देखावेला बाप के रहनियाँ/सासू के आगे पतोह मलकिनिया’ जैसी पंक्तियों के माध्यम से बदलते समाज, बिगड़ते पारिवारिक सम्बन्ध एवं युवा पीढ़ी के नैतिक अवमूल्यन को उजागर किया। 

        रानी लक्ष्मीबाई रेंजर्स, स्वामी सहजानन्द स्नातकोत्तर महाविद्यालय ने महेंद्र मिसिर कृत  गोदना गीत ‘केहू गोदवाय ल हो गोदनवा’ के अभिनय से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया, साथ ही गोदना की भूली-बिसरी लोककला को जीवंत करने का सराहनीय प्रयत्न किया। पीजी कालेज गाजीपुर के रेंजर्स टीम ने रसिक शिरोमणि भगवान श्रीकृष्ण की लीला की मनमोहक झाँकी प्रस्तुत की, जिसमें प्रेम के वशीभूत नटवर नागर श्रीकृष्ण गोदना गोदने वाली स्त्री का रूप धारण कर गोपियों को अपना सान्निध्य प्रदान करते हैं। इसी क्रम में स्वामी सहजानन्द महाविद्यालय की प्रतिभागी रोवर्स टीम ने चैता लोकगीत और गाँधी शती स्मारक महाविद्यालय की रोवर्स टीम ने कव्वाली की शानदार गायकी से दर्शकों की वाहवाही लूटी। फायर कैंप प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने विश्वबन्धुत्व, शांति, प्रेम और सर्वधर्म सद्भाव का संकल्प लिया।  

      कार्यक्रम के दौरान प्राथमिक चिकित्सा, दल अभिलेख, कलर पार्टी, व्याख्यान, रोलप्ले, टेंट प्ले, कार्यानुभव प्रदर्शनी, नाट्य प्रतियोगिता, पुल निर्माण, झाँकी जैसी अनेक प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ, जिसमें टीमों ने प्रतिभाग करते हुए अपनी नवोन्मेषशालिनी प्रतिभा द्वारा अपूर्व दक्षता और उत्कृष्ट कला-कौशल का प्रदर्शन किया। 

       रोवर्स-रेंजर्स  ने ‘इको सिस्टम रेस्टोरेशन’ की थीम पर अत्यंत सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए बिगड़ते पारिस्थिकी तंत्र के कारण पृथ्वी को होने वाले खतरों से आगाह कराया। रोल-प्ले व नाटिका की प्रस्तुति अत्यंत उच्चकोटि की रही। सहजानन्द कालेज के रोवर्स ने सम्राट अशोक का हृदय परिवर्तन व अहिंसा की ओर प्रयाण का रोल-प्ले कर विशेष सराहना प्राप्त की। नाट्य प्रतियोगिता में सोशल मीडिया के दुष्प्रभाव, नारी सशक्तीकरण, लैंगिक असमानता, स्त्री शिक्षा एवं साक्षरता जैसे महत्वपूर्ण विषयों को अभिनीत किया गया, जिसकी प्रशंसा सभी दर्शकों ने उन्मुक्त कंठ से की। विभिन्न टीमों द्वारा निकाली गईं झाँकियाँ बेहद दिलचस्प और रोचक रहीं।  टीमों ने अनेकता में एकता को प्रदर्शित करती भारत के पूरब से पश्चिम व उत्तर से दक्षिण अंचल के मुख्य लोकपर्वों, त्योहारों एवं सांस्कृतिक वैविध्य की प्रस्तुति की तथा पौराणिक, ऐतिहासिक एवं स्वाधीनता संग्राम के महान विभूतियों, जवान-किसान, इतिहास, अध्यात्म, साहित्य, पर्यावरण, विज्ञान तथा धर्म की अद्भुत झलकावली का प्रदर्शन किया।

        निर्णायक मंडल द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रथम आने वाली राजकीय महिला महाविद्यालय की रेंजर्स टीम को विजेता घोषित किया गया। इसके साथ ही स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गाजीपुर की रोवर्स टीम विजेता रही। उपविजेता स्वामी सहजानन्द स्नातकोत्तर महाविद्यालय गाजीपर की रोवर्स टीम रही। विजेताओं एवं उपविजेताओं  को ट्रॉफी, शील्ड, मेडल व प्रमाणपत्र देकर पुरस्कृत किया गया। साथ ही रोवर्स-रेंजर्स प्रभारियों, कार्यक्रम को सफलता तक ले जाने वाले व्यवस्थापकों, कर्मचारियों, संचालकों को अतिथियों द्वारा उपहार देकर सम्मानित किया गया।  

समागम के समापन सत्र के मुख्य अतिथि डॉ. राहुल सिंह, महामंत्री, शिक्षक संघ, पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर ने कहा कि रोवर्स-रेंजर्स ने अपनी झाँकी के माध्यम से भारतीय संस्कृति का दर्शन कराया जो अद्भुत् है। विशिष्ट अतिथि  राजेश कुमार प्रजापति, रोवर्स – रेंजर्स, मंडल कमिश्नर, वाराणसी ने कहा कि रोवर्स-रेंजर्स सेवा की भावना से भरकर समाज की सेवा करते हैं जो शिक्षा से उत्पन्न होती है।

विशिष्ट अतिथि डॉ. सुशील कुमार तिवारी, महात्मा गाँधी शती स्मारक महाविद्यालय, गरुआ, मकसूदपुर ने रोवर्स-रेंजर्स को सम्बोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थी में सेवाधर्म के प्रादुर्भाव से सम्पूर्ण व्यक्ति का निर्माण होता है। अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो. (डॉ.) सविता भारद्वाज, राजकीय महिला महाविद्यालय, गाजीपुर ने कहा कि भारतीय संस्कृति में सेवा परम धर्म है। यह सेवा भाव रोवर्स-रेंजर्स को विशिष्ट बनाती है। 

समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के वरिष्ठतम प्राध्यापक प्रो. रामनगीना सिंह यादव ने मंचस्थ वक्ताओं के वक्तव्यों का समाहार प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन  डॉ. कृष्णानन्द चतुर्वेदी तथा डॉ. प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रो. अजय राय, अंग्रेजी विभागाध्यक्ष ने किया।

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