एकपक्षीय पत्रकारिता से बचें पत्रकार – जेसीआई

अपूर्ण व भ्रामक खबरें ही बनती हैं पत्रकार पर मुकदमें का कारण

गाजीपुर। पत्रकारिता कोई व्यवसाय नहीं बल्कि मिशन है। कहा गया है कि पत्रकार समाज का आइना होता है और पत्रकारों की लेखनी का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है। पत्रकारों को निष्पक्ष भाव और ईमानदारी से दूसरे पक्ष की बात भी रखने का ध्यान रखना चाहिए। यह बात मंगलवार को पत्रकारों की राष्ट्रीय संस्था जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग सक्सेना ने एक वर्चुअल बैठक में व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आज पत्रकारों पर मुकदमें दर्ज होने का सिलसिला दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इसका मुख्य कारण है पत्रकारों के द्वारा खबर प्रकाशित होने में दूसरे पक्ष की बात का न होना। अधिकांश मामलों मे पत्रकार साथी एकपक्षीय पत्रकारिता का अंजाम दे रहें है जो कि गलत है। अपने समाचार के लेखन में पत्रकारों को दोनों पक्षों की बात को प्रमुखता से रखनी चाहिए और पत्रकार को स्वयं निर्णायक नहीं बनना चाहिए तथा अपूर्ण और भ्रामक खबरों से बचना चाहिए। वक्ताओं ने कहा कि लोक तंत्र के चौथे स्थान का दर्जा पत्रकारिता को इसलिए दिए गया है कि यदि लोकतंत्र के तीन स्तंभ अपनी राह से भटके तो यह चौथा स्तंभ उन्हें अपने कार्यो की जवाबदेही से अवगत कराकर सही मार्ग दिखा सके। कहा गया कि समाचार पत्र के बैनर तो छोटे बड़े हो सकते हैं लेकिन पत्रकार छोटे बड़े नहीं होते और पत्रकारिता करने वाले हर पत्रकार की जवाबदेही भी समाज के प्रति एकसमान होती है। पत्रकार को यह बात सदैव ध्यान में रखना चाहिए कि समाज पर उसकी लेखनी का क्या प्रभाव पड़ेगा? राष्ट्रीय सलाहकार डा. ए. के. राय ने पत्रकारिता से जूड़े नये पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आप लोग समाचार लेखन में भाषा और भाव पर विशेष ध्यान रखें और कोशिश करें कि पाठक और समाज पर उसका प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। डिजिटल मीडिया पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डिजिटल मीडिया आज तेजी से बढ़ रही है अधिकांश बैनर डिजिटल मीडिया पर सक्रिय हो चुके है लेकिन सरकार की ओर से अभी तक डिजिटल मीडिया को रजिस्टर्ड मीडिया का दर्जा नहीं दिया है। डिजिटल मीडिया को रजिस्टर्ड मीडिया का दर्जा दिए जाने के लिए सरकार को कई पत्र संगठन की ओर से भेजे गए हैं। उपस्थित पत्रकारों ने पत्रकारिता की गरिमा को बचाए रखने के लिए सरकार से जल्द ही निर्णायक कदम उठाने की मांग की। बताते चलें कि पत्रकारों पर हो रहे लगातार उत्पीड़न को लेकर जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया ने बैठक का आयोजन किया था जिसमें हाल ही में हुए पत्रकारों के खिलाफ मुकदमों को लेकर चर्चा की गई। साथ ही भविष्य में पत्रकारों के साथ ऐसी घटनाएं घटित न हो जिसको लेकर चर्चा की गई। बैठक में बीएस चंदेल, गुरबचन, अशोक शर्मा, पुरुषोत्तम सैनी, शशांक शर्मा, सचिन श्याम भारतीय, कौशिक टंडन, वीरेंद्र कुमार मौर्य, विशाल गुप्ता के साथ ही साथ गाज़ीपुर से डा ए के राय,प्रमोद कुमार, मयंक कुमार सिंह, नीरज यादव,वसीम रजा, गौरीशंकर पाण्डेय, अखिलेश यादव, प्रकाश गुप्ता सहित कई पत्रकार साथियों ने अपने विचार व्यक्त किया।

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