बिहार के चर्चित जज ने मां कामाख्या दरबार में सपरिवार टेका माथा

दुराचार के केस में महज एक दिन में आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा और सात लाख रुपये की प्रतिपूर्ति के फैसले देने में बिहार देश का पहला राज्य बना था

गाजीपुर। शारदीय नवरात्रि के पावन पर्व पर पूर्वांचल के प्रसिद्ध शक्ति पीठ के रूप में विख्यात माँ कामाख्या धाम पर श्रद्धालु भक्तों द्वारा पूजन अर्चन जारी है।
आम जनों के साथ वीवीआईपी जन भी माँ के दरबार में हाजिरी लगा कर अपने तथा अपने परिवार की सुख, शांति एवं समृद्धि के लिए माँ से गुहार लगाते हैं। इसी क्रम में बिहार के अररिया जनपद में तैनात विशेष न्यायालय पाक्सो एक्ट के जज शशिकांत राय अपने परिवार एवं मित्रों के साथ मां के दरबार मे पूजा अर्चना कर अपने तथा देश की सुख शांति एवं समृद्धि के लिए प्रार्थना की।
ज्ञात हो कि जनपद के भांवरकोल क्षेत्र के कनुवान गांव निवासी शशिकांत राय वर्तमान में बिहार के अररिया जिले में विशेष न्यायालय पाक्सो एक्ट में जज हैं। ये उस समय सुर्खियों में आये थे जब इन्होंने ने एक नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में 10 गवाहों की गवाही और पक्षकारों की बहस सुनने के बाद आरोपियों को उसी दिन आजीवन कारावास का सजा सुनाए थे। मात्र एक दिन में आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए सात लाख रुपये की प्रतिपूर्ति का आदेश दिए। इतने कम समय मे इस प्रकार के फैसले देने के मामले में बिहार देश का पहला राज्य बना और ये पहले जज बने। दर्शन करने हेतु उनके माता-पिता के साथ उनके गांव के उनके मित्र ओम प्रकाश पांडेय, ब्रह्मानंद पांडेय, लक्ष्मीकांत पांडेय और मनीष राय आदि लोग मौजूद रहे।

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