मुख्यमंत्री ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्र के लोगों में वितरित किया राहत सामग्री

पीड़ितों को त्वरित राहत पहुंचाने के दिये निर्देश
गाजीपुर। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वुधवार को जिले के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर अवलोकन किया। इसके उपरान्त उन्होंने अष्ट शहीद इण्टर कालेज मुहम्मदाबाद मे पांच तहसीलों के बाढ़ से प्रभावित 350 परिवारों के लोगों को राहत सामग्री का वितरण किया।

तत्पश्चात मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के साथ जनपद के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा बैठक की। उन्होंने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता कराने, पशुपालन विभाग द्वारा बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में पशुओं के चारे, भूसे तथा टीकाकरण, दवाओं की समुचित व्यवस्था करने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि जिन ग्रामों में अभी भी बाढ़ का पानी है, वहां के निवासियों को सुरक्षित जगह पहुंचाने की व्यवस्था की जाए एवं पानी से घिरे गांवों के निवासियों को राहत शिविर के माध्यम से राहत पैकेट वितरित किए जाएं। उन्होंने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के प्रत्येक गांव का निरीक्षण करने तथा वहां पर्याप्त राहत व बचाव कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होने बाढ़ का पानी कम होने पर स्वच्छता व सैनिटाइजेशन पर विशेष ध्यान के साथ बाढ़ प्रभावितों को हर हाल में समय पर राहत समाग्री सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया।

प्रेस वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि दिनांक 20 अगस्त से 25 अगस्त के मध्य विभिन्न तिथियों में राजस्थान के धौलपुर बैराज से लगभग 26 लाख क्यूसेक पानी चंबल नदी में एवं माता टीला डैम से लगभग 4 लाख क्यूसेक पानी बेतवा नदी में छोड़ा गया, जिसके कारण यमुना नदी में जल स्तर बढ़ने से गंगा नदी में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई है। जनपद गाजीपुर में गंगा नदी का जल स्तर खतरे के निशान(63.105 मी0) से 3.27 सेमी अधिक होने के कारण गंगा नदी के किनारे के गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। वर्तमान में गंगा का जल स्तर 64.390 है।

उन्होने बताया कि जनपद की सात तहसीलों में से पांच तहसीलों के कुल 33 गांव बाढ़ प्रभावित हैं। 33 गांव की कुल आबादी 1,29,000 है, जिसमें 7096 परिवार बाढ़ से प्रभावित हैं। जनपद में बाढ़ से बचाव हेतु 218 बाढ़ चौकियों, 30 बाढ़ राहत कैम्प बनाये गये हैं। इन बाढ़ राहत कैम्पों में कुल 187 लोगों को ठहराया गया। बाढ़ राहत कैम्पों में सभी बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए राशन और उनके खाने-पीने का पूर्ण प्रबन्ध किया गया है । जनपद में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कुल 288 नावें लगायी गयी हैं। बाढ़ प्रभावित ग्रामवासियों को नावों द्वारा निःशुल्क आवागमन कराया जा रहा है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए 31 गोताखोर और 178 आपदा मित्र के साथ अतिरिक्त फ्लड पी0 ए सी0 की एक कम्पनी की भी तैनात की गयी है। जनपद में 7090 बाढ़ प्रभावित परिवारों में 5126 बाढ़ राहत सामग्री का वितरण किया जा चुका है और शेष को युद्धस्तर पर वितरण कराया जा रहा है। बाढ़ प्रभावित ग्रामों में कुल 5084 पशु प्रभावित है। जिनमें से 1862 पशुओं को विभिन्न पशु राहत शिविरों में विस्थापित किया गया है। बाढ़ प्रभावित गावों में पशुओं के लिए निःशुल्क भूसा का वितरण किया जा रहा है। अब तक 273 कुन्तल भूसा का वितरण कराया जा चुका है। 5211 पशुओं का टीकाकरण भी कराया गया है । बाढ़ प्रभावित सभी ग्रामों में कुल 1776 अन्त्योदय कार्ड धारक और 20,925 पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों को कोटेदारों के माध्यम से 2724.12 गेहूँ और 1816.08 कुन्तल चावल का वितरण निःशुल्क कराया जा चुका है। बाढ़ प्रभावित ग्रामों में चिकित्सीय सुविधा भी उपलब्ध करायी जा रही है। मेडिकल मोबाईल टीमें लगातार चक्रमण कर रही हैं। पर्याप्त मात्रा में एण्टी स्नैक वैनम (ए0एस0बी0) एवं एण्टी रैबिज इंजेक्शन जनपद के विभिन्न चिकित्सालयों में आरक्षित किया गया है।
मा0 मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश में औसत से कम वर्षा होने के कारण कृषि एवं उद्यान विभाग को लघु एवं सीमांत किसानों के साथ-साथ अन्य किसानों को भी दलहन, तिलहन और सब्जी के बीज तत्काल निःशुल्क उपलब्ध कराने का निर्देश दिये। उन्होने कहा कि आपदा इस घड़ी में जनता जनार्दन और अपने अन्नदाता किसानो के साथ सरकार सदैव खड़ी रहेगी। इस अवसर पर स्वतंत्र देव सिंह जल शक्ति मंत्री, सांसद बलिया वीरेन्द्र सिंह मस्त, सदस्य विधान परिषद विशाल सिंह चंचल, अध्यक्ष जिला पंचायत सपना सिंह, पूर्व विधायक सुनीता सिंह, अलका राय, जिलाध्यक्ष भाजपा भानुप्रताप सिंह, एवं अन्य पार्टी पदाधिकारी तथा मण्डलायुक्त वाराणसी मण्डल दीपक अग्रवाल, ए0डी0जी0 वाराणसी रेंज रामकुमार, जिलाधिकारी एम0पी सिंह, पुलिस अधीक्षक रोहन पी बोत्रे सहित सम्बन्धित अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

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