सूखे की मार झेल रहे किसानों की फसल  अब गंगा की बाढ़ में समायी

गाजीपुर। प्राकृतिक सूखे की मार झेल रहे जनपद के किसानों ने भारी लागत और वर्षा की कमी के चलते धान के फसलों की रोपाई काफी कम पैमाने पर की। ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश खेत खाली पड़े हुए हैं। किसान बरसात के अभाव में जो थोड़ी बहुत धान की रोपाई किये हैं,वह भी सुखने के कगार तक जा पहुंची है। इसी बीच दिनांक 23 अगस्त को ढोलपुर डैम एंव माता टाला डैम से क्रमशः 18,31,587 क्यूसेक एंव 384,954 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण गंगा नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है। गंगा नदी में बढते जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड मे पा गया है।
आज 26 अगस्त को शाम चार बजे जल स्तर की स्थिति बढ़ाव पर रही और गंगा का जलस्तर 63.440 मीटर रिकार्ड किया गया। इस प्रकार गंगा नदी का बहाव खतरा बिन्दु से उपर चल रहा है।
बताते चलें कि केन्द्रीय जल आयोग के मानक के अनुसार, जिले में गंगा नदी का सामान्य जलस्तर 59.906 मीटर है। वहीं चेतावनी बिंदु 61.550 मीटर पर निम्न स्तर पर होता है। मध्य स्तर 63.105 मीटर पर खतरा बिन्दु और उच्च स्तर 65.220 मीटर होने पर उच्च बाढ़ स्तर माना गया है। वर्ष 2021 बाढ़ का उच्च जलस्तर 64.680 मीटर तथा वर्ष 2019 बाढ़ का उच्च जलस्तर 64.530 मीटर रहा था।
जनपद मे गंगा के बढ़ते जल स्तर को देखते हुए जिलाधिकारी एमपी सिंह ने मुहम्मदाबाद तहसील अन्तर्गत ग्राम गौसपुर, सेमरा, शेरपुर का स्थलीय निरीक्षण किया।जिलाधिकारी ने स्वयं नाव से गंगा किनारे के गांवों का सर्वेक्षण किया तथा उपस्थित जन समुदाय से अपील किया कि अभी गंगा का जल स्तर बढाव की स्थिति में है। आप लोग अपने निकट बनाये गये बाढ शरणालय में समय रहते चले जायें जिससे किसी प्रकार की कोई घटना घटित न हो।

उन्होने उपजिलाधिकारी को निर्देश दिया कि बाढ प्रभावित गांवों के लेखपाल व अन्य ग्राम स्तरीय अधिकारी बाढ़ प्रभावित अपने गांव में ही भ्रमणशील रहें। वे बाढ़ से होने वाले नुकसान पर पैनी नजर रखते हुये तत्काल सर्वे सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने सम्बन्धित उपजिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि समस्त लेखपालों बाढ प्रभावित क्षेत्रों मे बराबर चक्रमण करते रहे तथा स्थिति पर नजर रखते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। उन्होेंने कहा कि जनपद में तहसील मुहम्मदाबाद में खोले गये सभी बाढ़ चौकियो को सक्रिय करते हुये कर्मचारियो की ड्यूटी 24 घण्टे के लिये शिफ्टवार लगायी गयी है। सम्भावित बाढ़ के दृष्टिगत जनपद मुख्यालय में स्थापित कंट्रोल रूम अग्रिम निर्देशो तक 24 घण्टा कार्यशील रहेगा।
स्थलीय निरीक्षण के उपरान्त जिलाधिकारी ने बनाये गये बाढ़ शरणालय का निरीक्षण किया तथा सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिया कि बाढ़ राहत केन्द्रों पर किसी प्रकार की परेशानी न हो। शरणालय पर आने वाले शरणार्थियों को खाने पीने, दवा आदि की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाये। जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को पशुओं के चारा,पानी, चिकित्सा एवं उनके रहने की उचित व्यवस्था कराने तथा बाढ़ के दौरान किसी भी दशा में पशुओं की हानि न होने के निर्देश दिए।

इसके पश्चात जिलाधिकारी ने प्रा0वि0 शेरपुर खुर्द (प्रथम)का औचक निरीक्षण कर वहां शिक्षा की गुणवत्ता की जांच करते हुए संतोष व्यक्त किया। इस अवसर पर उपजिलाधिकारी मुहम्मदाबाद हर्षिता तिवारी, तहसीलदार मुहम्मदाबाद, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी मुहम्मदाबाद, अवर अभियन्ता देवकली पम्प नहर कैनाल एवं अन्य सम्बन्धित अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।

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