स्वास्थ्य टीम ने जांची निजी अस्पतालों की हकीकत

गाजीपुर। सादात क्षेत्र के मजुई गांव के गोविन्द हास्पीटल में बुधवार को आपरेशन के बाद जच्चा बच्चा की मौत के बाद परिजनों ने जमकर बवाल काटा था।
। अस्पताल में मचे हड़कंप पर सादात पुलिस ने नियंत्रण तो कर लिया, परंतु घटना की तपिश जिले के स्वास्थ्य महकमें तक जा पहुंची। घटना को संज्ञान लेते के बाद मुख्य चिकित्साधिकारी के निर्देश पर डिप्टी सीएमओ डॉ. संजय कुमार के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सादात क्षेत्र के मजुई चौराहा स्थित गोविंद हास्पीटल समेत सादात में संचालित दो अन्य निजी अस्पतालों पर छापा मारा।
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी संजय कुमार सिंह के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम ने टीम ने सर्वप्रथम गोविंद हॉस्पिटल की जांच की। इस दौरान जांच टीम को वहां काफी अनियमितता मिली। टीम के पहुंचने से पहले ही अस्पताल पर लगाया गया साईन बोर्ड गायब हो चुका था। साइनबोर्ड के अभाव में टीम को हास्पिटल खोजने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
बताते चलें कि एक किराये के मकान के अंडर ग्राउंड में चलने वाले उस हास्पीटल में जब जांच टीम पहुंची तो वहां अस्पताल का कोई संबंधित व्यक्ति नहीं मिला और न ही वहां कोई मरीज भर्ती मिला। सात बेड व दो चौकी खाली मिले। टीम ने वहां आपरेशन थियेटर व वहां मौजूद दवाएं का निरीक्षण किया। इस दौरान जांच टीम को वहां एक डायरी मिल गयी जिसमें वहां भर्ती मरीजों का ब्यौरा व रुपए के लेनदेन का हिसाब दर्ज था। जांच के बाद टीम थाना पर आकर थानाध्यक्ष प्रवीण कुमार यादव से मिलकर प्रसूता की मौत के संबंध में कार्रवाई की जानकारी मांगी तो थानाध्यक्ष ने बताया कि हास्पिटल संचालक हरेंद्र यादव के विरुद्ध मृतका के परिजनों द्वारा तहरीर नहीं दिया है। मृतका के चाचा ने थाने पर लिखित आवेदन दिया कि वे कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करेंगे। इसलिए संचालक को छोड़ दिया गया। टीम में सादात सीएचसी प्रभारी चिकित्साधिकारी डा रामजी सिंह, वरिष्ठ फार्मासिस्ट ओमकार नाथ पांडेय सहित दो अन्य लोग मौजूद रहे।
इसके अलावा जांच टीम ने नगर के दो अन्य निजी अस्पतालों की जांच की और सभी संचालकों को डिप्टी सीएमओ ने अपने प्रमाणपत्रों के साथ जिला मुख्यालय बुलाया है।

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