वरिष्ठ साहित्यकार रामावतार गुलाब राय पुरस्कार से सम्मानित

गाजीपुर। उत्तर प्रदेश हिंदी साहित्य संस्थान लखनऊ ने वरिष्ठ साहित्यकार रामावतार को गुलाब राय पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की है। यह पुरस्कार उन्हें उनकी पुस्तक वेद और हमारा जीवन पर दिया गया है। इसके लिए उन्हें चालीस हजार रुपये की धन राशि प्रदान की जायेगी।
उल्लेखनीय है कि रामावतार गाजीपुर सदर क्षेत्र के सुखदेवपुर ग्राम के निवासी हैं। मूलतः कथाकार के रूप में स्थापित हैं। अट्ठारह उपन्यास और छह कहानी संग्रह के साथ अब तक आपकी 39 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। अन्य पुस्तकें निबंध, संस्मरण, आलोचना और साक्षात्कार से सम्बन्धित हैं। आपने अपने कथा साहित्य में समकालीन यथार्थ को हर संभव आयाम से देखने और दिखाने का प्रयास किया है। आप दिल्ली से प्रकाशित प्रगतिशील हिंदी दैनिक जनयुग में 10 वर्षों तक उप संपादक के पद पर काम कर चुके हैं और प्रख्यात कथाकार जैनेंद्र कुमार की वैचारिक पाक्षिक पत्रिका कल्प का संपादन भी कर चुके हैं। जैनेंद्र से साक्षात्कार पर आधारित आपकी तीन पुस्तकें दिल्ली से प्रकाशित हैं।
उनके प्रमुख उपन्यास में सावित्रीबाई फुले, तथागत, निशान्त्र, कालचक्र, कलावती, आक्रोश, क्रान्तिकारी मां, चीत्कार, अग्नि परीक्षा, ढलती शाम, सड़क का आदमी, पिंजरा, दरार, विश्वकर्मा पुराण, आनन्द शिला, आर-पार और निर्वाह तो कहानी संग्रह के रूप में बूढ़ी मां, दस्तक, गृहत्याग, जीवन के अनमोल मोती, शहीद पत्नी, अभिशाप प्रमुख हैं।

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