अवारा पशु मिलने पर क्षेत्रीय अधिकारियों के विरुद्ध होगी कार्यवाही

जिलाधिकारी ने की गोवंश आश्रय स्थलों की समीक्षा, दिये आवश्यक निर्देश

गाजीपुर। निराश्रित गोवंश आश्रय स्थल की स्थापना, क्रियान्वयन तथा संचालन प्रबंधन हेतु जिला स्तरीय समिति की बैठक जिलाधिकारी एम.पी. सिंह की अध्यक्षता में जिला पंचायत सभागार में संपन्न हुई।
बैठक में जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी से जनपद में अब तक सम्पन्न ब्लॉक स्तरीय बैठक की समीक्षा की। उन्होंने जनपद के गोवंश आश्रय स्थलों में पशुओं की संख्या की जानकारी ली।
बताया गया कि नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों को मिलाकर कुल 58 गो-आश्रय स्थल हैं जिसमें निराश्रित पशु रखे गए हैं। जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री निराश्रित बेसहारा सौभाग्य योजना अन्तर्गत उपस्थित पशु चिकित्सकों से अब तक चिन्हित पशुपालकों को सुपुर्द किए गए पशुओं की जानकारी ली। उन्होंने पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिया कि इस योजना में कुपोषित एवं अतिकुपोषित बच्चों के परिवारों में दुधारू पशुओं की सुपुर्दगी की जाये। कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा पशु प्राप्त होने पर संबंधित नगर निकाय, पंचायत, पशु चिकित्सक के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कराने का निर्देश दिया।
उन्होने निर्देश दिया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को चिहिन्त करते हुए बरसात से पूर्व पशुओं के लिए भूसा जनपद के चयनित विक्रेताओं से क्रय कर पहले से ही स्टोर में जमा कर लिया जाए जिससे बाद में कोई समस्या न होने पाये। बैठक में उन्होंने निर्माणाधीन निराश्रित गोवंश आश्रय स्थल की स्थापना की समीक्षा की तथा उसके सत्यापन हेतु उपस्थित पशु चिकित्सकों को स्थलीय निरीक्षण कर उसकी भौतिक प्रगति फोटो ग्राफ के साथ उपलब्ध कराने कराने का निर्देश दिया। खण्ड विकास अधिकारी रेवतीपुर एवं भांवरकोल को निर्माणाधीन गो-आश्रय स्थल की गलत रिपोर्ट प्रस्तुत करने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए स्पष्टीकरण का निर्देश दिया। उन्होने निर्देश दिया सहभागिता योजना के तहत पशुपालाकों मे दिये जाने भुगतान समय से किया जायें। इसमें लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। बैठक में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी एस के रावत, डी सी मनरेगा, समस्त अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद/पंचातय, एवं अन्य सम्बन्धित जनपद स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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