पुलिस पेंशनर्स के खाते से ठगी करने वाले तीन धराये, एक लाख रुपये सीज

गाजीपुर। साइबर अपराधियों के गैंग का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने गैंग के तीन सदस्यों को धर दबोचा है। पुलिस टीम ने उनके कब्जे से धोखाधड़ी में प्रयुक्त चार मोबाइल, दस्तावेज, नगद 2720 रूपये बरामद, करते हुए विभिन्न खातों में लगभग एक लाख सीज कर दिया।
बताया गया कि साइबर ठगों ने पुलिस पेंशनर के खाते से 1800000 रूपये धोखा देकर निकाल लिया। उल्लेखनीय है कि आवेदक उपेन्द्र कुमार सिंह पुत्र स्व. जय मंगल सिंह निवासी ग्राम-पोस्ट सेमरा थाना मुहम्मदाबाद गाजीपुर, द्वारा साइबर क्राइम पुलिस थाना वाराणसी पर सूचना दी गयी कि मै पुलिस विभाग से रिटायर हो चुका हूँ। गत 25 मार्च को मेरे मोबाइल पर मो.नं. 9330248072 से फोन आया। उसने बताया कि मै ट्रेजरी से बोल रहा हूँ, आपका जीपीएफ का पैसा आ गया है, आप अपना खाता सं. व मोबाइल पर प्राप्त ओटीपी बताइये। मैने उसे बता दिया, जिसके बाद अगले दिन 26 मार्च 2022 को मेरे खाते से कुल 10 ट्रान्जेक्शन में 1800000/- धोखे से निकाल लिया गया।
इस पर उपेन्द्र कुमार सिंह के आवेदन पर साइबर क्राइम थाना पर म धारा 417,420 भादवि व 66 जी आईटी एक्ट पंजीकृत कर विवेचना प्रारम्भ की गयी।
उपरोक्त प्रकरण में अपर पुलिस महानिदेशक साइबर क्राइम लखनऊ, पुलिस अधीक्षक साइबर क्राइम लखनऊ, पुलिस महानिरीक्षक वाराणसी परिक्षेत्र वाराणसी के. सत्यनारायणा क्षेत्राधिकारी पिंडरा / नोडल अधिकारी साइबर क्राइम अभिषेक पाण्डेय द्वारा साक्ष्य संकलन/अनावरण एवं गिरफ्तारी हेतु निर्देशित किया गया था। आईजी के. सत्यनारायणा, पुलिस महानिरीक्षक परिक्षेत्र वाराणसी द्वारा क्रमवार मार्गदर्शन व दिशा निर्देश समय-समय पर दिया गया। पूर्व में दिनांक 20 अप्रैल 2022 को एक अभियुक्त को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया तथा संकलित साक्ष्यों के अवलोकन व सीडीआर एनालिसिस, पूछताछ के उपरान्त प्रथमदृष्टया अभियुक्तगण रोहित सिनहा, दीपक कुमार व अमित कुमार की संलिप्तता पाये जाने पर थाना पर तलब किया गया था जिनसे विधिवत पूछताछ व दस्तावेजों का अध्ययन किया गया तो रोहित सिनहा, दीपक कुमार व अमित कुमार की संलिप्ततता प्रमाणित हो गया। इसपर मुकदमें में धारा 411, 120 बी भादवि व 66 सी आई. टी. एक्ट की बढ़ोत्तरी करते हुए उन्हें हिरासत में लिया गया। विवेचनात्मक कार्यवाही पूरी कर उपरोक्त अभियुक्त का चालान माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
अपराध का तरीका – पूछताछ अभियुक्तों ने बताया कि हम सभी लोग सिम विक्रेता है तथा हम लोग उपरोक्त सभी सिम योजना पूर्वक अवैध धन कमाने के उद्देश्य से अपने अपने मोबाइल का प्रयोग फर्जी फ्राड करके बायोमीट्रिक थम्ब का दुरुपयोग कर, षडयन्त्र पूर्वक साइबर गैंग को दिया है। हम लोग जो सिम साइबर गैंग को देते हैं। साईबर गैंग के द्वारा बड़ा काम होने पर इनाम भी मिलता है, हम लोग सिम एक्टिवेट करके अपने गैंग के अन्य सदस्य दे देते है, पैसा उसी के माध्यम से मिलता है, जो भी पैसा मिला है उसको घरेलू खर्चों में तथा पार्टी करने में खाने कपडे खर्च कर दिये है, जब कोई सीधा सादा या अनपढ़ व्यक्ति, कम समझदार व्यक्ति हम लोगो के पास आता है, या हम लोग गांव मे जाकर के सिम बेचते हैं, कई बार लोग सिम पोर्ट भी कराते हैं, तो हम लोग सफाई पूर्वक दो सिम दो बार फोटो खीचकर, आधार कार्ड लेकर के तथा थम्ब इंप्रेशन का दुरुपयोग करके एक एक्सट्रा सिम कस्टमर के नाम, बिना उसकी जानकारी के ही प्राप्त कर लेते हैं।

Visits: 137

Leave a Reply