गजब ! ढाई हजार घड़ों से निर्मित शिवलिंगाकृति पक्षी आशियाना

   दृढ़ निश्चय और निरंतर प्रयास से अपने लक्ष्य को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। कोई भी बाधा दृढ़ निश्चय और लगन के आगे टिक नहीं पाती।
    कुछ ऐसा ही कार्य किया है गुजरात के 75 वर्षीय किसान भगवान जी भाई ने। उन्होंने अपने परिश्रम, लगन और दृढ़ निश्चय से अपनी वृद्धावस्था में जो काम किया है,वह पूरे देश के लोगों के लिए अनुकरणीय और आकर्षण का विषय है। लोग उनके कनुपम कृति को देखने के लिए दूर-दूर से पहुंच रहे हैं और उनके पक्षी प्रेम की  सराहना करते नहीं थकते हैं।

    गुजरात प्रांत के राजकोट जिले के जेतपुर क्षेत्र के जूनी संकला के नवी सांकली गांव के सौ एकड़ भूमि के वृद्ध किसान भगवान जी भाई पक्षी प्रेमी हैं और पक्षियों को खाना पानी देना उनकी रोज की दिनचर्या में शामिल रहा है। गर्मी,ठंढ से बेहाल व बरसात में भीगे पक्षियोँ को बेबस देखकर उनका दिल तड़प उठता था। पक्षियों को ठंड,गर्मी व बरसात से बचाने के लिए उन्होंने कुछ कर गुजरने का निर्णय लिया।  उन्होंने सोचा कि लोग अपने आप को प्राकृतिक ठंड,गर्मी व बरसात से बचाने के लिए घरौंदा, घर, मकान, महल तक का निर्माण कर लेते हैं तो वहीं निर्धन व असहायों के लिए सरकार भी आवास बनाकर मुहैया कराती है, परन्तु पक्षियों को प्राकृतिक ठंड,गर्मी व बरसात से बचाने के लिए कोई कार्य ही नहीं किया गया।
   इसके बाद उन्होंने निराश्रित पक्षियों के लिए बसेरा बनाने का निश्चय किया और अपने इस लक्ष्य पूर्ति में लग गये। उन्होंने इस लक्ष्य प्राप्ति के लिए करीब 1 साल का समय और लगभग बीस लाख रुपए खर्च कर पक्षियों के लिए शिवलिंग रुपी आकृति का आशियाना बना डाला। उनका यह आशियाना 140 फीट लम्बा और 40 फीट ऊंचा है तथा छोटे बड़े लगभग ढाई हजार घड़ो मटकों से तैयार हुआ है।
   इस आशियानें में दिन भर विभिन्न प्रकार के पक्षियों का जमावड़ा लगा रहता है जिसे देखने के लिए लोगों व सैलानियों का मेला लगा रहता है। भगवान जी भाई अपनी इस कृति से संतुष्ट हैं और उनकी सराहना चारो ओर हो रही है।

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