कारागार में सम्पन्न हुआ विधिक जागरूकता शिविर

गाजीपुर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की पूर्णकालिक सचिव, सुश्री कामायनी दूबे, द्वारा  विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन जिला कारागार में किया गया। इस अवसर पर उन्होंने जेल का निरीक्षण भी किया।
     उन्होंने बंदियों से निःशुल्क अधिवक्ता, जेल लोक अदालत तथा उनकी जेल अपील से संबंधित अन्य समस्याएं पूछी गयी एवं उनके यथोचित अधिकार हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया। बंदियों को उनके संवैधानिक अधिकारों के विषय में विस्तृत जानकारी दी गयी।
     कारागार अधीक्षक हरिओम शर्मा द्वारा बताया गया कि वर्तमान में कुल 963 बंदी निरूद्ध है। जिसमें 873 पुरूष, 32 महिला बंदी हैं तथा 58 अल्पवयस्क है।
सचिव महोदया द्वारा विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की व्यवस्था के अनुसार विधिक सेवा कार्यक्रम के अन्तर्गत न केवल कमजोर व्यक्तियों को विधिक सेवा उपलब्ध कराया जाना शामिल है, बल्कि भारत के सुदूर एवं ग्रामीण अंचलों में कैम्प लगाकर आम जनता को विभिन्न विधिक प्राविधानों से अवगत कराते हुए उन्हे विधिक रूप से साक्षर बनाना भी विधिक सेवा कार्यक्रम का एक अभिन्न अंग है, जिसे विधिक साक्षरता कार्यक्रम के रूप में जाना जाता है। निरीक्षण दौरान महिला बैरक का भी निरीक्षण किया गया तथा सिद्धदोष बंदी, विचाराधीन बंदी के अन्तर्गत निरूद्ध बंदी को कोविड-19 को देखते हुए नए बंदियों को पहले आइसोलेट रखने के साथ ही संदिग्ध लक्षण होने पर जांच और सेनेटाइजेशन के निर्देश दिए। सचिव महोदया ने जेल के कई बंदियों से बात कर उनकी समस्याओं को समझने के साथ ही उनके निस्तारण का निर्देश दिया। सचिव महोदया ने कारापाल को जिला कारागार में स्थित जेल लीगल क्लीनिक पर विशेष रूप से ध्यान देने के निर्देश दिए ताकि जेल में निरूद्ध बंदियों को समय से व समुचित विधिक सहायता प्राप्त हो सके। इस अवसर हरिओम शर्मा, कारागार अधीक्षक, शिवकुमार यादव, कारापाल, कमल चन्द उप कारापाल, एवं विधिक प्रकोष्ठ अधिवक्ता श्रीमति खुर्शीदा बानों उपस्थित रहीं।

Visits: 34

Leave a Reply