साहित्य संस्कृति का होता है वाहक : डॉ. उदयप्रताप सिंह

गाजीपुर। हेमवतीनंदन बहुगुणा स्नातकोत्तर महाविद्यालय लालगंज अझारा, प्रतापगढ़ के पूर्व प्राचार्य डॉ. दुर्गा प्रसाद ओझा के “हिंदी कविता के प्रतिनिधि स्वर” नामक नव प्रकाशित ग्रन्थ का लोकार्पण ससमारोह सम्पन्न हुआ।
         पीजी कॉलेज भुड़कुड़ा के अंग्रेजी के विभागाध्यक्ष डॉ. सन्तोष कुमार मिश्र से मिली जानकारी के अनुसार, प्रतापगढ़ में लोकार्पण के पश्चात, विधायक उमेश द्विवेदी तथा हिंदुस्तानी एकेडेमी के अध्यक्ष डा.उदयप्रताप सिंह द्वारा डॉ. दुर्गाप्रसाद ओझा को प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया गया।
        पुस्तक विमोचन के उपरांत हिंदुस्तानी एकेडमी प्रयागराज के अध्यक्ष डॉ. उदयप्रताप सिंह ने मुख्य अतिथि पद से सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारी संस्कृति लोक में बिखरी हुई है। इसके लिए अध्यक्ष का दायित्व सम्भालने के बाद खोज-खोज कर प्रतिभावान लोक रचनाकारों का प्रकाशन करता हूँ। ओझा जी बहुत अच्छे लेखक हैं जो निरन्तर एक सर्जक के रूप में साधना रत रहे। उन्होंने कहा कि संस्कृति का वाहक साहित्य होता है, जब साहित्य आगे बढ़ेगा तो हमारी संस्कृति सुरक्षित रहेगी और संस्कृति सुरक्षित रहेगी तो देश सुरक्षित रहेगा।       कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि, साकेत महाविद्यायल अयोध्या के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. जनार्दन तिवारी, लखनऊ शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के विधायक उमेश द्विवेदी, इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रयागराज के हिंदी के आचार्य योगेंद्र सिंह आदि ने अपने वक्तव्य में साहित्य सृजन के लिए डा.ओझा को बधाई दी।
     इस अवसर पर प्रमुख रूप से गाँधी स्मारक पी जी कालेज मालटारी के पूर्व प्राचार्य डॉ. रामअवध यादव,डॉ. शिवमूर्ति त्रिपाठी, डॉ एसएस मिश्र, डॉ. नीलम ओझा, डॉ. राजकुमार पांडेय, डॉ सत्यपाल तिवारी, डॉ. राधेश्याम तिवारी, डॉ. वीरेंद्र मिश्र, डॉ. राजेन्द्र मिश्र, केशवराम ओझा, नागेन्द्र अनुज आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. विद्याकान्त तिवारी तथा संचालन युवा साहित्यकार सुनील प्रभाकर तथा आभार नलिंकान्त उपमन्यु ने ज्ञापित किया।

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