रामायण सर्किट से अयोध्या, नेपाल से श्रीलंका को जोड़ने की तैयारी

अयोध्या। रामायण सर्किट से अयोध्या नेपाल और श्रीलंका को जोड़ने की योजना ट्रिंग सिटी के तर्ज पर तैयार होगी। इसके लिए भारत, नेपाल और श्रीलंका 10 दिन की पर्यटन यात्रा की तैयारी में है।
        अवध मिथिला सम्मेलन से वापस अयोध्या पहुंचे विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने बताया कि रामायण सर्किट के योजना में श्रीलंका को जोड़े जाने की बात तय हुई है। दो दिन अवध मिथिला सम्मेलन में अयोध्या जनकपुर और श्रीलंका के प्रतिनिधियों में हुई अयोध्या से जनकपुर को जोड़े जाने के लिए रामायण सर्किट योजना प्रस्तावित है।      
बताते चलें कि जनकपुर नेपाल से अयोध्या के लिए बस यात्रा प्रारंभ हुई थी, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनकपुर से हरी झंडी दिखा कर अयोध्या के लिए रवाना किया था और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उसका स्वागत अयोध्या में किया था। कोरोना काल के वजह से जनकपुर अयोध्या बस यात्रा रोक दी गई थी। अब रामायण सर्किट के अंतर्गत इसका दायरा और बढ़ाया जाएगा और जनकपुर के अलावा श्रीलंका को भी रामायण सर्किट से जोड़ा जायेगा। इतना ही नहीं अयोध्या को केंद्र बनाकर अब विदेशी पर्यटकों को जनकपुर से श्रीलंका की यात्रा कराई जाएगी और जल्द ही अयोध्या में हवाई सेवा प्रारंभ होने के साथ ही इस पूरी योजना को हवाई यात्रा से भी जोड़ा जाएगा।
     अवध मिथिला सम्मेलन में भाग लेकर अयोध्या पहुंचे विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और अयोध्या नगर निगम के नगर आयुक्त विशाल सिंह ने बताया कि 2014 में जनकपुर और अयोध्या को ग्रीन सिटी के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया था। भारत सरकार और नेपाल सरकार द्वारा उसके उपरांत उस पर बस व्यवस्था भी प्रारंभ की गई थी अयोध्या से नेपाल की जो कोविड-19 के कारण से बंद कर दी गई थी और इसके अलावा भी यह बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। मिथिला का जनकपुर धाम और उसके विकास की जो परियोजना है उस पर हम लोगों का ध्यान आकर्षित किया गया है। अवध मिथिला इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस पर और अयोध्या के विकास का खाका जो माननीय मुख्यमंत्री के निर्देशन में तैयार किया गया है, उसका वहां प्रस्तुतीकरण किया गया, जिसे सभी लोगों ने काफी प्रोत्साहित किया और श्रीलंका के राजदूत को हम लोगों ने बताया कि श्रीलंका भी अब हमारे लिए तीर्थ स्थल है और उसके साथ जुड़ी हुई जो भ्रांतियां हैं, वह गलत है। हम सब मिलकर इस रामायण सर्किट को विकसित करेंगे।

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