डेंगू से बचाव के लिए साफ-सफाई आवश्यक

गाजीपुर। बदलते मौसम में कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़जाता है। डेंगू ऐसी ही एक गंभीर बीमारी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक डेंगू के मच्छर साफ पानी में पनपते हैं और अक्सर दिन के समय में काटते हैं, इनसे बचाव आवश्यक है।             
    मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह ने बताया कि डेंगू, संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से होता है। संक्रमित व्यक्ति को काटने से मच्छरों में यह संक्रमण दूसरे व्यक्ति में पहुंचता है।
   एसीएमओ डॉ डी पी सिन्हा का कहना है कि मानसून के आखिरी दिनों में संक्रामक बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। डेंगू हो जाने से तेज बुखार की समस्या होती है, गंभीर स्थिति में डेंगू का बुखार आंतरिक रक्तस्राव और अंगों की खराबी का भी कारण बन सकता है। कई लोगों में रक्तचाप का स्तर काफी कम हो जाता है।
  जिला मलेरिया अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि  डेंगू तथा अन्य संक्रामक बीमारियों के प्रभावी रोकथाम के लिए जनपद में आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं।ट जिला चिकित्सालय एवं सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को अलर्ट करते हुए उपचार सम्बन्धी व्यवस्थाएं  उपलब्ध करा दी गई हैं। निगरानी समितियों के माध्यम से बुखार तथा कोविड के  लक्षण वाले व्यक्तियों की पहचान की जा रही है। इसके साथ ही जिले में सात  से 16 सितम्बर तक विशेष संवेदीकरण अभियान चलाया जाएगा। अभियान में बुखार, कोविड, टीबी, डेंगू, मलेरिया आदि लक्षणयुक्त व्यक्तियों की पहचान करते हुए सूची तैयार कर जाँच कराई जाएगी तथा उपचार उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने बताया कि अब तक जनपद में दो डेंगू के मरीज चिन्हित किए गए हैं जिसमें से एक जखनियां ब्लॉक का तथा दूसरा नूरपुर गांव का निवासी है।
   जिला मलेरिया अधिकारी ने कहा कि ध्यान रखें – घर के अंदर व आस-पास पानी जमा न होने दें। जैसे – कूलर, पानी की टंकी, फूल के गमलों, बेकार पड़े हुए टायरों, प्लास्टिक की बोतलों, नारियल के खोल आदि में जमा पानी में लार्वा पनपता है। अतः इसको रोकने के लिए यह आवश्यक है कि कूलर का  पानी समय-समय पर बदल कर साफ करें। पानी की टंकी के ढक्कन को पूरी तरह बंद रखे। निष्प्रयोज्य वस्तुओं, जिनमे पानी जमा हो, को नष्ट कर दें। घर तथा आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें। डेंगू का मच्छर दिन में तथा शरीर के निचले हिस्से में काटता है, अत: यह सलाह दी जाती है कि पूरे शरीर को ढकने वाले कपडे पहनें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।घर में पर्याप्त प्रकाश तथा हवा की व्यवस्था रखें। बीमार होने पर आशा, ए०एन०एम अथवा नजदीकी सवास्थ्य केन्द्रों पर सम्पर्क करें, जहां जाँच एवं उपचार की सभी सुविधाएं नि:शुल्क उपलब्ध है।

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