राष्ट्र हित में कवि की नयी रचना – अशफाक उल्ला भगत सिंह को ,
अब तो जल्दी आना होगा…..

अशफाक उल्ला भगत सिंह को ।
अब तो जल्दी आना होगा।।
राजगुरु सुखदेव से मिलकर ।
फिर संघर्ष चलाना होगा ।।

अबकी बार कठिन मौसम है।
बिस्मिल को भी लाना होगा ।।
चंद्रशेखर आजाद कहां हैं ।
उनको यही बुलाना होगा ।।

शायद अपना बम का दर्शन ।
फिर से यहां जगाना होगा ।।
भीतर बाहर के दुश्मन को ।
अब की धूल चटाना होगा ।।

बाहर वाले छाप लिए हैं ।
उनको मार भगाना होगा ।।
भीतर वाले के दिमाग में ।
कुछ बारूद बिछाना होगा ।।

हर दलाल को चिन्हित करके।
भारत मुक्त कराना होगा ।।
बचे कुचे सच्चे लोगों से ।
निर्मल देश बनाना होगा ।।

झरना नदी पहाड़ों को भी ।
आजादी दिलवाना होगा ।।
खेतों में वासंती मौसम।
लाकर जश्न मनाना होगा ।।

स्वस्थ आधुनिक मानवता से ।
मिलना जुलना गाना होगा ।।
नफरत वालों के मिजाज में ।
हरदम प्यार पिलाना होगा ।।

अशफाक उल्ला भगत सिंह को ।
अब तो जल्दी आना होगा ।।
राजगुरु सुखदेव से मिलकर ।
फिर संघर्ष चलाना होगा ।।

✍️कवि हौसिला प्रसाद अन्वेषी

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