गर्भवती व धात्री महिलाएं भी करा सकती हैं कोविड-19 टीकाकरण

ग़ाज़ीपुर। कोविड-19 से बचाव के लिए कोरोना टीकाकरण संजीवनी का काम कर रहा है। शोध और विशेषज्ञों के आधार पर अब शासन ने गर्भवती व धात्री महिलाओं को भी टीकाकरण कराने का आदेश जारी किया है।
     इस सम्बन्ध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के प्रशिक्षण भवन में सभी ब्लॉकों से आए हुए चिकित्साधिकारी और सहायक चिकित्सा अधिकारी को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह की अध्यक्षता में प्रशिक्षण दिया गया।
     विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एसएमओ डॉ नकीब ने आए सभी चिकित्सा अधिकारियों को इसके संबंध में विस्तार से जानकारी दी। डॉ नकीब ने बताया कि गर्भवती महिलाएं, जो टीकाकरण का विकल्प चुनती हैं, उन्हें गर्भावस्था के दौरान किसी भी समय निकटतम सरकारी या निजी टीकाकरण केंद्र में कोविन पर पंजीकरण के बाद या निकटतम केंद्र में जाकर पंजीकरण कराकर कोविड के टीके लगवा सकती हैं। टीकाकरण के बाद प्रमाण पत्र रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर की मदद से पोर्टल से निकाला जा सकता है। इसके लिए रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी डालकर पोर्टल से प्रमाण पत्र प्राप्त हो जायेगा।
    एसीएमओ डॉ केके वर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं और टीकाकरणकर्ताओं को गर्भवती को कोविड-19 वैक्सीन के महत्व और सावधानियों के बारे में परामर्श और मार्गदर्शन देने के लिए एक तथ्य पत्र तैयार किया था, जिससे वह इस बारे में उचित निर्णय ले सकें। इसमें कहा गया था कि उपलब्ध टीके सुरक्षित हैं और टीकाकरण गर्भवती महिलाओं को अन्य व्यक्तियों की तरह कोविड-19 बीमारी से बचाता है। सरकार की ओर से जारी दस्तावेज में कहा गया है कि हालांकि 90 प्रतिशत से अधिक संक्रमित गर्भवती अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता के बिना ठीक हो जाती हैं, लेकिन कुछ मामलों में स्वास्थ्य में तेजी से गिरावट हो सकती है और इससे भ्रूण भी प्रभावित हो सकता है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि एक गर्भवती को कोविड-19 टीका लेना चाहिए।
     कार्यक्रम में एसीएमओ डॉ डीपी सिन्हा, डॉ मनोज सिंह, डॉ एसडी वर्मा ,डॉ प्रगति कुमार के साथ यूएनडीपी के प्रवीण उपाध्याय उपस्थित रहे।

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