इंसानियत ! केवट ने गंगा को दिया सहारा

प्रदेश सरकार उठायेगी सारा खर्च – योगी आदित्यनाथ

गाजीपुर। पतित पावनी मां गंगा के जल में, लकड़ी के बक्से में दो दिन पूर्व बहती पायी गयी लावारिस मासूम नवजात कन्या को अब ठिकाना मिल गया है।
    यह मामला शहर के सदर कोतवाली क्षेत्र के ददरी घाट का है। वहां नदी के बहते जल में एक लकड़ी के बक्सा बहता मिला। नाविक गुल्लू चौधरी ने उस लकड़ी के बॉक्स से किसी बच्चे की रोने की आवाज सुनकर उस बक्से को रोका। जब लोगों ने बॉक्स को खोला तो उसकी स्थिति देखकर दंग रह गये। लकड़ी के बॉक्स में एक मासूम नवजात कन्या रोती मिली। उस बॉक्स में देवी-देवताओं के फोटो लगे थे और एक जन्मकुंडली भी रखी गयी थी। जन्मकुंडली में कन्या का नाम गंगा लिखा था।जन्मकुण्डली के अनुसार उस कन्या की उम्र इक्कीस दिन थी।
       थोड़ी ही देर बाद नाविक गुल्लू चौधरी उसे नदी से निकालकर अपने घर लाने के बाद प्रशासन को सूचित किया।
     आज जिलाधिकारी एम.पी.सिंह ने जिला महिला अस्पताल पहुचकर वहां भर्ती उस नवजात कन्या “गंगा” के स्वास्थ्य की जानकारी ली जिसका
समुचित इलाज जिला महिला अस्पतान मे चल रहा है। इसके बाद जिलाकारी ददरी घाट पहुंचकर नवजात कन्या को बचाने वाले नाविक गुल्लू चौधरी से बच्ची कब और किस हालत में मिली,उसकी पूरी कहानी सुनी। कहानी सुनकर जिलाधिकारी ने गुल्लू चौधरी के इस नेक कार्य के प्रति प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उसके कार्य की सराहना की।                 
     जिलाधिकारी ने बताया कि इसकी सूचना म
मुख्यमंत्री जी को भी मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई है, जिसपर उन्होने भी प्रसन्नता व्यक्त की है।उन्होंने कहा कि नवजात कन्या के लालन पालन, शैक्षिक, भविष्य का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी और उसके पालनहार गुल्लू चौधरी को सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जायेगा।
     जिलाधिकारी ने गुल्लू चौधरी से उसके जीविकापार्जन,आवास के सम्बन्ध में जानकारी ली जिसपर गुल्लू चौधरी ने एक नाव की व्यवस्था तथा अपने घर से निकलने वाले रास्ते को सही
कराने को कहा। जिसपर जिलाधिकारी ने सम्बन्धित को रास्ते को सही कराने तथा एक नाव की उपलब्धता सुनिश्चत कराने का निर्देश दिया।

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