पंचायत प्रतिनिधि बनने का बढ़ा क्रेज

गाजीपुर। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की खुमारी अब सर चढ़ कर बोलने लगी है। जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और गांवों में ग्राम प्रधान बनने का क्रेज बढ़ता जा रहा है। पंचायत चुनाव में ग्राम पंचायतों में ग्राम प्रधान पद के लिए हजारों से अधिक और बीडीसी सदस्य के लिए हजारों लोग अब लाइन में दिखने लगे हैं। इतना ही नहीं बल्कि सम्भावित प्रत्याशी नामांकन पत्र खरीदने और उसे भरने में लगने वाले कागजातों के बनवाने की तैयारी में जी जान से लगे हैं।
इसमें सबसे अधिक समस्या ग्राम प्रधान पद के लिए है। जहां पहले से अनेकों प्रत्याशी चुनावी बैतरणी में गोते लगाने के लिए ताल ठोंक रहे थे, उनमें से काफी लोग तो आरक्षण के चलते वगैर चुनाव लड़े ही मैदान से बाहर हो गये। फिर क्या आरक्षण सूची जारी होने के बाद, अब आरक्षण का लाभ उठाने वाले प्रत्याशियों की होड़ लग गयी है। हर गांव में कई पुरवे हैं और हर पुरवे से कई कई लोग अपना भाग्य आजमाने के लिए जुगाड़ लगा रहे हैं। वहीं अनेकों गांवों में मान मनौव्वल का दौर जारी है। प्रधान पद का लाभ उठा चुके निवर्तमान प्रधान अपनी उम्मीदवारी छोड़ने को तैयार नहीं हैं तो पूर्व में उनके समर्थक रहे लोग स्वयं चुनाव लड़ने हेतु ताल ठोंक रहे हैं। ऐसे में संभावना जताई जा रही है प्रत्येक ग्राम पंचायत में हर सीट से आठ दस दावेदार चुनावी महासमर में अपनी भाग्य आजमायेंगे। ऐसा नहीं कि यह स्थित सिर्फ ग्राम प्रधान और बीडीसी सदस्य के लिए ही है, बल्कि जिला पंचायत सदस्य के लिए भी सैकड़ों लोग अपने समर्थकों के साथ मतदाताओं की चरण बन्दना करते हुए गावों के चक्कर लगा रहे हैं।
बताते चलें कि ग्राम पंचायत सदस्य पद को छोड़कर अन्य पदों के लिए हर बार लड़ाई कठिन होती जा रही है। प्रधान के अलावा जिला पंचायत सदस्य और बीडीसी की एक-एक सीट पर कई दावेदारों के बीच जोरदार टक्कर की प्रबल संभावना है। नामांकन के लिए दो ही दिन का मौका मिलने की वजह से हर दावेदार पहले ही अपनी तैयारी पूरी कर लेना चाहता है।
दावेदारों और उनके समर्थकों की भीड़ चट्टी चौराहों सहित गांव की गलियों में जुट रही है। हर समर्थक अपने प्रत्याशी को जिताने हेतु दाव पेंच लगाने में लगा है।

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