जम्मू के कवि सम्मेलन में गाजीपुर की रही धूम

गाजीपुर। गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में नवगठित केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में आयोजित समारोह “जश्न-ए-जम्हूरिया” के मंच पर 28 जनवरी को संपन्न हुए कवि सम्मेलन में गाजीपुर चर्चा का विषय रहा।
कश्मीर के इतिहास मे पहली बार आयोजित हिन्दी कवि सम्मेलन के मुख्य अतिथि महामहिम उप राज्यपाल मनोज सिन्हा रहे तो वहीं कला संस्कृति व साहित्य अकादमी जम्मू के प्रस्ताव पर कार्यक्रम की अध्यक्षता गाजीपुर के कवि हरि नारायण हरीश ने की।
समारोह का शुभारंभ कर श्री सिन्हा ने सभी आगन्तुक कवियों को अंगवस्त्रम् देकर सम्मानित किया और कवि सम्मेलन प्रारंभ करने की औपचारिक घोषणा की।
जम्मू विश्वविद्यालय के “जनरल जोरावर सिंह सभागार” में देश के विभिन्न हिस्सों से आमंत्रित कवियों के अतिरिक्त विश्व विद्यालय के चयनित पॉच हिन्दी के शोध छात्र छात्राओं तथा कुछ प्रोफेसर एवम् स्थानीय रचनाकारों ने काव्य पाठ किया। आमंत्रित कवियों में गीतकार डा. विष्णु सक्सेना के गीत खूब पसंद किये गये। कवयित्री भुवन मोहिनी के गीत ने भी वाहवाही लूटी। विश्व विद्यालय के एकेडमिक रचनाकारों एवम् कश्मीर सरकार के प्रधान सचिव नीतीश्वर कुमार की स्तरीय प्रस्तुति ने कवि सम्मेलन में चार चांद लगा दिया। उनकी प्रस्तुति के समक्ष कुछ कवियों के प्रोफेशनल लटके-झटके भी फीके पड़ गये। आयोजन को देखकर यह आभास होने लगा कि जम्मू कश्मीर की फिजा में भी अब हिन्दी की मिठास घुलने लगी है। अंत मे संचालक डा.सुनील जोगी द्वारा आमंत्रित किये जाने पर अध्यक्ष के रूप में गाजीपुर के कवि हरि नारायण हरीश ने दुष्यन्त कुमार की परम्परा की कुछ गजलों के बाद महाभारत के मिथकों पर वर्तमान संदर्भ में लिखी अपनी रचनाओं का पाठ किया। कवियों के आग्रह पर जब उन्होने “कर्ण” कविता से समापन किया तो पूरा मंच व सभागार का श्रोता समुदाय खड़े होकर देर तक करतल ध्वनि से उनका सम्मान करता रहा। काव्य पाठ के दौरान कवि हरीश ने राही मासूम रजा, डाक्टर विवेकी राय तथा भोलानाथ गहमरी व साहित्य चेतना समाज संस्था का उल्लेख कर गाजीपुर में हिन्दी उर्दू और भोजपुरी की साहित्यिक चेतना की परम्परा का संदेश डोगरी भाषा भाषियों को दिया।
कार्यक्रम का समापन करते हुए महामहिम मनोज सिन्हा ने अवसर के अनुरूप काव्यमय वक्तव्य से सबको चमत्कृत कर दिया। इस आयोजन से यह आभास हुआ कि बुद्धिजीवी वर्ग कविता के नाम पर चुटकुलों को स्वीकार करने को सहमत नही है।

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