स्वास्थ्य केन्द्रों पर सम्पन्न हुआ प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान

गाजीपुर। मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने, गर्भवती की बेहतर स्वास्थ्य देखभाल, प्रसव पूर्व जांच एवं और उन्हें समय पर उचित इलाज मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) दिवस कार्यक्रम जनपद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर सम्पन्न हुआ।
इस अभियान की शुरुआत जून 2016 में की गयी। यह कार्यक्रम प्रत्येक माह की नौ तारीख को होता है। इसका लाभ किसी भी समुदाय की वह महिला उठा सकती है जिसने तीन से छह माह का गर्भ धारण किया हो। यदि वह महिलाएं नजदीकी सरकारी अस्पताल में अपना पंजीयन कराती हैं तो उन्हें परामर्श, सभी जरूरी जांच तथा दवा सब मुफ्त में मिलता है।
इसके तहद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहम्मदाबाद पर 129 महिलाओं को पंजीकृत कर 86 महिलाओं की जांच एवं 47 महिलाओं का नि:शुल्क अल्ट्रासाउंड किया गया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेवतीपुर पर 52 महिलाओं की जांच एवं इलाज कराया गया।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहम्मदाबाद के ब्लाक कार्यक्रम प्रबंधक (बीपीएम) संजीव कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र पर निजी चिकित्सक डॉ रजनी राय के द्वारा गर्भवती को उचित परामर्श जांच एवं सलाह के साथ ही गर्भवती का वजन, बीपी एवं कोविड-19 जांच भी की गयी। इस दौरान एचआईवी जांच मोहम्मद इकराम गांधी तथा काउंसलिंग नीरा राय के द्वारा की गयी। इसके साथ ही अन्य जांच जिसमें सिफलिस, हिमोग्लोबिन की जांच लैब टैकनीशियन (एलटी) चंदन राम के द्वारा की गयी। आज के पूरे कार्यक्रम की निगरानी अधीक्षक डॉ आशीष राय के द्वारा की गयी।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेवतीपुर की बीपीएम बबीता सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र पर निजी चिकित्सक डॉ अनामिका के द्वारा कुल 52 महिलाओं की जांच एवं इलाज किया गया। इस दौरान आए हुए सभी महिलाओं की काउंसलिंग भी की गई ।
कार्यक्रम के सम्बन्ध में बताया गया कि गर्भावस्था के तीसरे महीने शुरू होने और छठे महीने खत्म होने के बीच की अवधि में गर्भवती महिला अपना पंजीयन करा सकती हैं। योजना खासकर उन महिलाओं के लिए है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, वैसे किसी भी वर्ग-समुदाय की महिला इसमें शामिल हो सकती है। गर्भवती को उनके स्वास्थ्य के मुद्दों, रोगों के बारे में जागरूक कर सुरक्षित प्रसव करा सकेंगे।इससे मातृ मृत्यु दर कम होगी।

इस योजना के तहत गर्भवती की सभी प्रकार की डॉक्टरी जांच पूरी तरह से मुफ्त होगी। महिलाओं के टेस्ट चिकित्सा केन्द्रों, सरकारी अस्पतालों, में किए जाएंगे। महिलाओं को उनकी स्वास्थ्य समस्याओं के आधार पर स्टीकर देकर चिह्नित किया जाएगा, जिससे इलाज में आसानी होगी। निःशुल्क प्रसव के बाद बच्चे का सभी तरह का टीकाकरण, उसका चेकअप भी मुफ्त होगा। पंजीकरण के बाद महिला डॉक्टर महिला की एनीमिया, गर्भावधि, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, संक्रमण, खून-पेशाब, शुगर की जांच कर रिपोर्ट बनाएगी। इसी के आधार पर जरूरी दवाएं नि:शुल्क दी जाएंगी। महिला को अस्पताल प्रबंधन एक कार्ड देगा, जिसे दिखाकर वह हर महीने की 9 तारीख को अपना चेकअप करा सकेगी।
यदि किसी महिला का केस जटिल होने की स्थिति में उसे किसी बड़े अस्पताल में रेफर कर उच्चस्तरीय सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।

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