पीजी कॉलेज भुड़कुड़ा के अनुमोदित प्राध्यापक धरने पर

गाजीपुर। श्री महंत रामाश्रय दास स्नातकोत्तर महाविद्यालय भुड़कुड़ा के प्रबंधन एवम प्रशासन द्वारा लगातार की जाने वाली उपेक्षा एवम वेतन में भारी कटौती से आहत अनुमोदित प्राध्यापकों ने सोमवार से महाविद्यालय में अनिश्चित कालीन दिन धरना प्रारम्भ कर दिया।
उल्लेखनीय है कि महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा सिद्धपीठ के आशीर्वाद एवम क्षेत्रीय जनता के सहयोग से स्थापित महाविद्यालय को मनमाने तरीके से चलाया जा रहा है। प्रबंधन द्वारा लगातार विभेदकारी एवम दमनपूर्ण नीतियों का पालन करते हुए, शासनादेशों की मनमाने तरीके से व्याख्या की जा रही है,वहीं शिक्षकों द्वारा प्रस्तुत किसी भी प्रमाण अथवा तथ्य पर किसी प्रकार का ध्यान नही दिया जा रहा। अनुमोदित प्राध्यापकों का कहना है कि विगत चार वर्षों में चार बार वेतन घटाया गया जबकि इसी अवधि में कुछ लोगों का वेतन बढ़ाया गया। अब पुनः अनुमोदित शिक्षकों का वेतन घटाकर दिहाड़ी मजदूरों से भी कम कर दिया गया है।
महाविद्यालय के शिक्षकों ने सभी मामलों पर विचार हेतु कई बार महाविद्यालय प्रबंधन एवम प्रशासन से आग्रह किया। गत 17 दिसम्बर 2020 को सत्याग्रह भी शुरू किया, जिसे शिक्षक संघ एवम प्रबंध समिति के अध्यक्ष सिद्धपीठ भुड़कुड़ा के पीठाधिपति महाराज जी के आश्वासन पर स्थगित किया गया। आश्वासन के बावजूद अबतक महाविद्यालय प्रशासन एवं प्रबंधन किसी लोकतांत्रिक तरीके से विचार पर सहमत नही है।
व्यथित अनुमोदित शिक्षकों का दो सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चित कालीन अनशन प्रारम्भ है। उनकी प्रमुख मांगों में – स्ववित्तपोषित योजनान्तर्गत समान पदों पर नियुक्त शिक्षकों एवम कर्मचारियों को समान वेतन दिया जाय तथा छात्र संख्या सहित प्रत्येक मसले पर महाविद्यालय प्रशासन एवं प्रबंधन के साथ अविलंब एक खुली बैठक आयोजित की जाय, जिसमे अध्यापकों को भी अपने प्रति शिकायतों को सुनने तथा अपनी शिकायतों को कहने का अधिकार दिया जाये।
धरने पर बैठने वाले शिक्षकों में डॉ. सेनापति शुक्ल, डॉ सुनील कुमार सिंह, डॉ उपेंद्र नाथ दुबे, डॉ धर्मेन्द्र प्रताप श्रीवास्तव, डॉ अखिलेश कुमार सिंह,डॉ पारस नाथ यादव, डॉ लालमणि सिंह, डॉ ब्रजेश कुमार सिंह व डॉ सर्वानंद सिंह आदि उपस्थित रहे।

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