धोखाधड़ी ! ग्राम प्रधान व सचिव से होगी वसूली

गाजीपुर। जिले के करण्डा ब्लाक के सौरम ग्राम पंचायत में वित्तीय वर्ष 2016, 2017 तथा 2018 में ग्राम प्रधान व तत्कालीन ग्राम सचिव द्वारा गांव में कराये गये विकास कार्यों में अनियमितता तथा बैंक खाता से प्रधानपति, ग्राम पंचायत अधिकारी तथा अन्य नाम से चेक द्वारा लाखों रुपये निकालने की मिली शिकायतों को प्रशासन द्वारा गठित जांच कमेटी ने जाँचोपरान्त कुछ कराये गये कार्यों में कुल 1,38,501रुपये (एक लाख अड़तीस हजार पाँच सौ एक) धनराशि का प्रथमदृष्टया दुरुप्रयोग पाया गया। इस पर जिलाधिकारी ने ग्रामप्रधान सीमा जायसवाल, तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी उधम सिंह यादव तथा अवर अभियन्ता लघु सिंचाई सुनील कुमार को उत्तरदायी/ जिम्मेदार मानते हुए ग्राम प्रधान सीमा जायसवाल से 46,167 रुपये, ग्राम विकास अधिकारी उधम सिंह यादव से 46,167 रुपये तथा अवर अभियन्ता लघु सिंचाई सुनील कुमार से 46,167 रुपये रिकवरी करने का आदेश दिया गया है। इसी क्रम में बैंक से प्रधान एवं सचिव द्वारा चेक से 33,99,000 रुपये (तैतीस लाख निन्यानबे हजार रुपये) की आहरित धनराशि को नियम विरुद्ध मानते हुए इसे भी गम्भीर वित्तीय अनियमितता का भी प्रथमदृष्टया दोषी पाया गया है।
इस पर जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने उत्तर प्रदेश पंचायत राज अधिनियम 1947 की धारा 95(1) (जी) में निहित प्रविधानों के तहत ग्राम प्रधान सीमा जायसवाल का वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार को सीज करते हुए उक्त अधिकार को पंचायत सदस्यों में से तीन सदस्यीय समिति गठित करके देने का आदेश दिया।
उल्लेखनीय है कि ग्राम प्रधान द्वारा सौरम गांव में कराये गये कार्यों में अनिमितताओं की जाँच हेतु गांव के ही महेन्द्र सिंह कुशवाहा, रामकुँवर चौहान, रामदुलार यादव व जितेन्द्र यादव आदि लोगों ने जिलाधिकारी को विगत 17 जुलाई 2018 को गांव में कराये गये कार्यों में अनियमिताओं का प्रमाण सहित लिखित शिकायती पत्र देकर जाँच करने की माँग किया गया था। जिसपर तत्कालीन जिलाधिकारी ने जिला विकास अधिकारी के निर्देशन में एक जाँच कमेटी का गठन करके गांव में कराये गये कार्यों की जाँच कराया था।

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