बच्चों की फीस को लेकर अभिभावक परेशान

अभिभावकों ने कहा – नो स्कूल नो फीस, टाइम मेरा, मोबाइल मेरा, नेट मेरा, सिस्टम मेरा, घर मेरा, बिजली मेरी तो, फिर स्कूल में फीस किस बात की …

गाजीपुर। विद्यालय संचालकों के विरुद्ध अभिभावकों ने नो स्कूल-नो फीस अभियान शुरू किया है। अभिभावकों का कहना है कि, कोरोना संकट के मद्देनजर देशव्यापी लॉकडाउन के चलते अधिकांश रोजगार चौपट हो गये। इससे उबरने में लंबा वक्त लगेगा। इस बीच स्कूलों की तरफ से कोर्ट के आदेश को ताख पर रखते हुए अभिभावकों पर फीस जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है। बता दें कि, हाल ही में गाजीपुर के अभिभावकों ने युवा समाज सेवी अभिनव सिंह से बात की।
श्री सिंह ने जब इस संबंध में जिले के आला अधिकारियों से बात की तो वे फीस माफी के सम्बंध में सन्तोष जनक उत्तर नही दे पा रहे। श्री सिंह ने कहा कि, फीस को पूरी तरह से माफ करना अथवा कम ही कराने के लिए हम जी जान से लगे हुए है, क्योंकि अब यह जन अभियान बनता जा रहा है। विगत दिनों को शहर के कई मोहल्लों में नो स्कूल-नो फीस के पेंफलेट्स का भी वितरण एवम हस्ताक्षर अभियान हुआ था। इसमें अभिभावक और बच्चों ने भी सहयोग किया।
अभिभावक राजेन्द्र प्रसाद का कहना है कि बीते सात-माह से काम धंधे बंद है। व्यापार बंद है। हम कहां से स्कूल की फीस जमा करें। जो लोग रेंट के मकान में रहते हैं। वह लोग किराया तक नहीं दे पा रहे हैं। ऊपर से स्कूल से एक सिस्टम आ गया कि बच्चे को एक मोबाइल देने का। वह मोबाइल से बच्चा कितना पढ़ेगा। यह सब कोई जानता है कि जिस मोबाइल से बच्चों को दूर रखा जाता था कि मानसिक बीमारी न हो जाय। अगर मानसिक विकृत हो जाएगी तो क्या…उस वक्त बच्चे की सारी जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन लेगा…? और रही बात सारा काम का तो अभिभावक ही कर रहे हैं। टाइम भी मेरा, मोबाइल मेरा, नेट मेरा, सिस्टम मेरा, घर मेरा, बिजली मेरी तो, फिर किस बात की स्कूल में फीस जमा करे। गाजीपुर के अभिभावकों ने जिलाधिकारी महोदय से राहत दिए जाने की मांग की है। अब जिलाधिकारी से इन्साफ़ का जिले के समस्त अभिभावको को इन्तेजार रहेगा।

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